
नजदीकियां
कैसे है ये दिलो के फांसले , जो नजदीकियां को बढाते हैं ;
जिंदगी के इस मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा ,
रहा कि वीरानियो को जैसे मिल गया हो सहारा तुम्हारा
जिनता दूर होते हैं वो ,उतना ही हमको पास नज़र आते हैं
वो एक प्यार भरा दिल था .जिसे समझने के बाद हम दीवाने हो गए है
वो भी इक प्यार भरी नज़र ही थी ,जिसने मेरे रूप को साकार किया है
ज़िन्दगी के इस मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा ,
राह की वीरानियों को जैसे मिल गया हो सहारा तुम्हारा |
तारो से भरा आसमां ,नहा गया चाँद कि चांदनी से
फूलो से भरी डालियाँ भी ,झुक गयी तुम्हारे सत्कार में
ऐसा खिला है अपना रिश्ता कुछ तुम्हारा कुछ हमारा,
कि तुमको खोजती हूँ, मै चाँद की परछाईयों में ,
बाट तकती हूँ मै तुम्हारी रात की तन्हाइयों में ,
आज मेरी कामनाओं ने तुम्हे कितना है पुकारा,
ऐसी हे कुछ खिला हुआ रिश्ता , कुछ तुम्हारा कुछ हमारा,
ज़िन्दगी के इस मोड़ पर यह प्यार का नाता हमारा ||||
(((कृति ..अंजु चौधरी ..(अनु))))