![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgqf8UUFsh3ektTSloN16-kL-nX8IIafunBqgagV4AJTMbmcGUTx9RrGv3bPgEW49WAKLKP-Lv2MPZxRD9etvTCGXM-TjKU87IaMCkMH0mg_VwXaVZfZGkWyg71ye1bEXknmwYImL_NzfwK/s400/face_and_beauty.jpg)
ख्याबो के मंज़र भी छोटे नज़र आने लगे हैं ||
दिल की दुनिया को यू सज़ा बैठे है हम तेरे संग कि
भरी महफ़िल में भी खुद को तनहा पाने लगे है हम ||
दुनिया की गुज़रती भीड़ का हिस्सा तो बन गए है हम
पर क्यों ये कदम तुम्हारी तरफ ही बढने लगे हैं ||
नज़र नहीं आता काफिला यारे बहारो का हम को
हम तो अब तेरे साये में ही सिमट कर गुज़र करने लगे हैं ||
आता नहीं है हम को समुद्र की आगोश में छिप के रहना
पर क्या करे तेरे प्यार की गहराई में डूब कर गोते लगाने लगे हैं ||
नहीं मांगी है तुझे से तेरे ख्यालो की दुनिया हम ने
हम तो अपने ही सपनो में तुमसे पनहा मांगने लगे है ||
किया प्यार जो तुमने मुझे खुद से ज्यादा
इजाज़त है ज़िन्दगी से हमको मोहब्बत है तुमसे ||
(((कृति अंजु..((((अनु)))