![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi9K8e_I0-8VrKFTOiR64OEjgyoo650s5WUGYw3sxrGkT9MvHuuB00OnRnETWWTIyyZx5b2BxTEC6s5aScidPcEKSfdzZb_puSFDSUhr3PwneVRqmAUhbh7-k8b-49Ss8ZyyfMbMkyhcZEy/s1600/images.jpg)
पहले जैसी बात कहाँ
बिन मांगे मिल जाए इंसाफ
अब वो हालत कहाँ
वक़्त के साथ साज़ बदल रहे
अब वो हालत कहाँ
वक़्त के साथ साज़ बदल रहे
देश में गद्दार बढ़ रहे
हो रही कुर्सी की होड़ यहाँ
अब ईमान की
वैसी रात कहाँ
वैसी रात कहाँ
पहले जैसी बात कहाँ
राज़ की बाते राज़ रही
गँवारो के हाथों
गँवारो के हाथों
हमेशा सरकार रही
इस देश में अब
पहले जैसी बात कहाँ
बुत बने बैठे हैं
सरकारी अफसर और
रहनुमा यहाँ
विषैली राजनीति में
धरणों की भरमार यहाँ
इस देश में अब
पहले जैसी बात कहाँ
बुत बने बैठे हैं
सरकारी अफसर और
रहनुमा यहाँ
विषैली राजनीति में
धरणों की भरमार यहाँ
फिर भी धुल जाते
सारे पाप यहाँ
अब,पहले जैसी बात कहाँ
कैसा ये गणतन्त्र है
कैसी है ये स्वतन्त्रता
लेश मात्र भी किसी नेता को
कोई लज्जा नहीं
ना पाप का अहसास है
ना है आदमी असली
मौत भी बेरंग नहीं
बढ़ रहा छल पल पल यहाँ
अब पहले जैसी बात कहाँ ||
अब,पहले जैसी बात कहाँ
कैसा ये गणतन्त्र है
कैसी है ये स्वतन्त्रता
लेश मात्र भी किसी नेता को
कोई लज्जा नहीं
ना पाप का अहसास है
ना है आदमी असली
मौत भी बेरंग नहीं
बढ़ रहा छल पल पल यहाँ
अब पहले जैसी बात कहाँ ||
14 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
--
गणतन्त्रदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जय भारत।
भारत माता की जय हो।
आज के हालात का बहुत प्रभावी और सटीक चित्रण..गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
आपकी इस प्रस्तुति को आज की राष्ट्रीय मतदाता दिवस और ब्लॉग बुलेटिन (मेरी 50वीं बुलेटिन) में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
सच!अब वो बात कहाँ ?
सुन्दर प्रस्तुति …………भ्रष्टाचार मिटाना चाहते हो तो पहले खुद को बदलो
अपने धर्म ईमान की इक कसम लो
रिश्वत ना देने ना लेने की इक पहल करो
सारे जहान में छवि फिर बदल जायेगी
हिन्दुस्तान की तकदीर निखर जायेगी
किस्मत तुम्हारी भी संवर जायेगी
हर थाली में रोटी नज़र आएगी
हर मकान पर इक छत नज़र आएगी
बस इक पहल तुम स्वयं से करके तो देखो
जब हर चेहरे पर खुशियों का कँवल खिल जाएगा
हर आँगन सुरक्षित जब नज़र आएगा
बेटियों बहनों का सम्मान जब सुरक्षित हो जायेगा
फिर गणतंत्र दिवस वास्तव में मन जाएगा
आभार आप सबका .....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
जनता ही तो चुनती है ऐसे नेताओं को...जनता को सजग होना होगा..
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
अब वो बात कहाँ ? सच कहा..अंजु जी..
ये समस्या इसलिए है की आज़ादी के बाद के नेता स्वार्थ में जुटे रहे ... देश की चिंता नहीं की ... और आज उन्ही की परिपाटी चली आ रही है ...
अब तो खानापूर्ति ही लगती है, हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
अब तो खानापूर्ति ही लगती है, हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
रूचिकर एवं मनभावन प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
Post a Comment