Sunday, July 25, 2010

मोहब्बत..............

तेरे दामन से यू लिपटे है हम कि
ख्याबो के मंज़र भी छोटे नज़र आने लगे हैं ||

दिल की दुनिया को यू सज़ा बैठे है हम तेरे संग कि
भरी महफ़िल में भी खुद को तनहा पाने लगे है हम ||

दुनिया की गुज़रती भीड़ का हिस्सा तो बन गए है हम
पर क्यों ये कदम तुम्हारी तरफ ही बढने लगे हैं ||

नज़र नहीं आता काफिला यारे बहारो का हम को
हम तो अब तेरे साये में ही सिमट कर गुज़र करने लगे हैं ||

आता नहीं है हम को समुद्र की आगोश में छिप के रहना
पर क्या करे तेरे प्यार की गहराई में डूब कर गोते लगाने लगे हैं ||

नहीं मांगी है तुझे से तेरे ख्यालो की दुनिया हम ने
हम तो अपने ही सपनो में तुमसे पनहा मांगने लगे है ||

किया प्यार जो तुमने मुझे खुद से ज्यादा
इजाज़त है ज़िन्दगी से हमको मोहब्बत है तुमसे ||
(((कृति अंजु..((((अनु)))

8 comments:

अजय कुमार said...

खूबसूरत अभिव्यक्ति ।

कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये!!.

sunny said...

sahi he anu kisi ki jindgi me koi aa jaye to use sab kuch chota najar aata he

Amit Chandra said...

sahi baat hai pyar ka ehsas hota hi kuch aisa hai

Anju (Anu) Chaudhary said...

ajay ji mai jaldi hi try karugi ise hatane ki


or comments ke liye thanx ajay

अरुण चन्द्र रॉय said...

badhiya gazal... sunder bhav...

उपेन्द्र नाथ said...

very nice gazal

संजय भास्‍कर said...

आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।

Sanjay kumar
HISAR (HARYANA)
http://sanjaybhaskar.blogspot.com

Anju (Anu) Chaudhary said...

aap sab ka shukriya........jo aapko mera likha pasand aaya