Thursday, February 16, 2012

क्षितिजा, का सादर आमंत्रण..........विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान, नई दिल्ली




मैं अंजु चौधरी 
अपनी  पहली कविता संग्रह "क्षितिजा" के विमोचन अवसर पर आप सबको  दिल से आमंत्रित करती हूँ.  आपकी उपस्थिति और शुभकामनायें मुझे संबल देंगी और नव सृजन के लिये प्रोत्‍साहित करेंगी.


प्रगति मैदान में पुस्तक विमोचन के साथ साथ ... मुझ जैसे कुछ ब्‍लॉगर एक  ब्‍लॉगर मिलन  की इच्छा भी रखते हैं इस लिए आप सब दोस्तों से निवेदन हैं कि हम, आप सभी ब्‍लॉगर मित्रों को २७ फरवरी को इस अवसर पर आने निमंत्रण देते हैं कि आप सब वहाँ उपस्थिति रह कर इस पल को यादगार बनाएं



कृपया आप लोग अपने आने की सूचना.. मुझे अंजु (अनु) चौधरी ..राजीव तनेजा जी ,पद्म सिंह जी और  को अवश्य दे .. ...



आप सब की  उपस्थिति मेरा और अन्य नए आने वाले लेखकों का हौंसला बढाएगी, मैं उम्मीद करती हूँ, आप लोग सपरिवार समय से उपस्थित रहेंगे..."

दिल से धन्यवाद 



दिन- सोमवार, 27 फरवरी 2012
समय- शाम 5 से 8 बजे तक
 स्थान- कॉन्फ्रेरेंस रूम नं 2, हॉल नं 6, विश्व पुस्तक मेला
प्रगति मैदान, नई दिल्ली।

अंजु (अनु) चौधरी एवं शैलेश भारतवासी ( हिंदी युग्म )

संपर्क सूत्र ....अंजु (अनु)...09034211912
राजीव तनेजा ......09810821361
शैलेश  भारतवासी ....09873734046.......09968755908
 

39 comments:

मुकेश कुमार सिन्हा said...

mere liye please 5th row ki kone wali chair reserve rakhna:)))

Manoranjan Manu Shrivastav said...

puskak ke liye badhai.

मुकेश कुमार सिन्हा said...

raam kare aisa ho jaye ye "kshitija" best seller book bane aur tu koi award ke liye nominate ho jaye.........heheheh:)
heartiest wishes Anju:))

केवल राम said...

अग्रिम शुभकामनाएं स्वीकार करें .....!

deewan-e-alok.blogspot.com said...

Shubhkaamnaaye Anju ji...

shikha varshney said...

kaash ham bhi vahaan ho pate .agrim shubhkamnayen.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

अंजू जी,...बहुत२ शुभकामनाए,बधाई

MY NEW POST ...कामयाबी...

Deepak Shukla said...

Anju ji..

Aamantran jo de rahe..
Snehsikt sammaan..
Sabko hai shubhkamna..
Diyaa jo etna maan...

'Kshitija' ki charcha rahe..
Chahun disha gungaan..
Paricharchaon main rahe..
Uchch sada hi sthan...

Es avasar jo aa rahe..
Mitr Pragati maidaan..
Hai anhinandan aapka..
Bhale nahi pahchan..

'Deepak' ki hai kaamna..
Duniya jaaye jaan...
Antar man ke bhaav sang..
Jo sahityik gyaan...

Pustak ke prakashakon, karykram ke aayojakon, snehi mitron avam aapko karykram ke safal aayojan ki agrim shubhkamnayen..

Saadar...

Deepak Shukla..

अशोक सलूजा said...

अंजू जी, आप की इस उपलब्दी पर आप को बहुत-बहुत बधाई !अच्छे भविष्य के लिए ....
शुभकामनाएँ!

Maheshwari kaneri said...

बहुत बहुत शुभकामनाए,बधाई ..अंजू जी,.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

अनंत शुभकामनाएं और बधाईयाँ...

संजय भास्‍कर said...

बहुत बहुत बधाई अंजू जी

शिवम् मिश्रा said...

अग्रिम शुभकामनाएं स्वीकार करें !

संजय भास्‍कर said...

dhero bdhaiya aur shubh kaamnaye anju di

Rajesh Kumari said...

is sundar uplabdhi ke liye bahut bahut badhaai.

अरुण चन्द्र रॉय said...

अग्रिम शुभकामनाएं स्वीकार करें .....!

vidya said...

ढेर सारी शुभकामनाएँ अंजू जी...
ऐसी उपलब्धियां, ऐसे पल आपके जीवन में बार बार आयें...

सस्नेह..

amrendra "amar" said...

बहुत बहुत शुभकामनाए , ..

Jeevan Pushp said...

बहुत -बहुत शुभकामनायें !

सदा said...

बहुत-बहुत शुभकामनाओं के साथ बधाई

Kailash Sharma said...

बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें !

sangita said...

शुभकामनाएं स्वीकार करें .....!

आनंद said...

5th row me hi kone wali seat ke bagal me ek seat aur plz Anju ji :)

आनन्द विश्वास said...

आपको कविता संग्रह क्षितिजा
के विमोचन पर बहुत-बहुत
शुभकामनाऐं।
आनन्द विश्वास

Gunjan said...

बहुत बहुत बधाई हो आपको अंजू जी .. २७ तारीख को पुस्तक मेले में मेरा भी आना होगा .. काव्य संग्रह " इक साँस मेरी " का भी विमोचन पुस्तक मेले में इसी दिन है .. इसमें मेरी भी रचनायें शामिल हैं .. निश्चय ही आपसे भी मिलना हो जायेगा .. आपको आपके आगामी काव्य संग्रह "क्षितिजा " की अनेकों अनेक बधाइयाँ

Pawan Jindal, General Secretary said...

"अभी यात्रा शुरू हुई है, अभी कई मंजिल पानी है!
अपने इन कोमल शब्दों से, सारी दुनिया महकानी है!
कभी न रुकना, बढ़ते जाना, लिखते जाना-२,
अपने शब्दों से ए मित्रा, प्यार की दौलत बरसानी है!"

" आपको और आपके साहित्य को नमन!"

Pawan Jindal, General Secretary said...

"
अभी यात्रा शुरू हुई है, अभी कई मंजिल पानी है!
अपने इन कोमल शब्दों से, सारी दुनिया महकानी है!
कभी न रुकना, बढ़ते जाना, लिखते जाना-२,
अपने शब्दों से ए मित्रा, प्यार की दौलत बरसानी है!"

" आपको और आपके साहित्य को नमन!"

Pawan Jindal, General Secretary said...

"अभी यात्रा शुरू हुई है, अभी कई मंजिल पानी है!
अपने इन कोमल शब्दों से, सारी दुनिया महकानी है!
कभी न रुकना, बढ़ते जाना, लिखते जाना-२,
अपने शब्दों से ए मित्रा, प्यार की दौलत बरसानी है!"

" आपको और आपके साहित्य को नमन!"

रचना दीक्षित said...

बहुत बधाई अंजू जी आपके पहले पुस्तक के विमोचन पर.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

Archana Chaoji said...

कमल कुमार सिंह (नारद ) said...

Vandana Ramasingh said...

Atul Shrivastava said...

लोकेन्द्र सिंह said...

SANDEEP PANWAR said...

Unknown said...

Pawan Jindal, General Secretary said...

साहित्य क्षितिज में चमके अंजू "क्षितिजा" आपकी
मित्रों का अभिनन्दन पाए ये "कविता पुंज" आपकी
"क्षितिजा" के विमोचन पर आपका आत्मिक अभिनन्दन.

Pawan Jindal, General Secretary said...

साहित्य क्षितिज में चमके अंजू "क्षितिजा" आपकी
मित्रों का अभिनन्दन पाए ये "कविता पुंज" आपकी
"क्षितिजा" के विमोचन पर आपका आत्मिक अभिनन्दन.