Wednesday, August 18, 2010

प्यार ....वो शब्द है ......ये जो अधूरा होते हुए भी अपने आप मे..पूर्ण है
प्रेम अजेर अमर है ...गंगा जल समान ...प्रेम राधा है ..प्रेम मीरा है ....प्यार वोह प्याला है
जिस ने पिया ...बस उस का रसपान वही जाने !भीड़ मे प्यार है जिस के साथ वोह फिर भी अकेला है ...और अकलेपन में है साथी उसका प्यार...सच्चा प्यार उस मोती समान ..जो सुच्चा है पवित्र है ..........प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता दोस्तों ......ये अपनेआप मे है पूर्ण ........!प्यार ....शादी से पहले किया जाये या बाद मे इस का अर्थ एक सा है ...प्यार प्यार है...एक एहसास है इस जीवन मे किसी के होने का ..किसी के हो जाने का .....इस मे कोई स्वार्थ नहीं ..कोई द्वेष नहीं ..प्यार देने का नाम है .....अपने उसी साथी को जिसे दिल कि गहरायियो से से चाह तुम ने..........ये जरुरी नहीं कि प्यार शादी से पहले किया जाये या बाद में तो वही सच्चा होगा .....प्यार मे किसी का हो कर देख..मिटा दो अपने को उसी प्यार मे ...डूब जायो आखंड प्यार के सागर मे गोते लगा कर तो देखो .. ..फिर देख....क्या मिलेगा तुझे ....तेरी उम्मीद से जयदा ...प्यार ..प्यार होता है पहले या बाद का नहीं..इसे किसी रिश्ते या नाम की सीमा मे मत बांधो .................प्यार ख़ुशी है ॥प्यार बंधन है ......प्यार जीवन में जीने की वजह है .......प्यार आंसू ......प्यार तड़प है ......इंतज़ार है मीठा सा ........प्यार धोखा है .......मौत है जीवन से नाता तोड़ने के लिए ........उफ़ ये प्यार .............उफ़ ये प्यार

प्यार आजमाइश नहीं विश्वास है खुद के होने का ,
वो बंधन नहीं ,कल्पना कि उडान है ,
एक राह है खुद को खुद से पाने की,
अपने हर सपने को सजाने की ,
पढ़ी जो उसके नैनों में प्यार की भाषा
उसे पूरे होते हुई देखेने की चाह है ....
भूल गयी सारा संसार अब
खुद को भूल ..साथी को पाना है ..
देखा जो उसके चेहरे पे खुद के सम्मान ,
बिन मोल खुद को लुटा देने की चाह है
साथी के झगडे ..और मानाने में भी है ...प्यार ,
उसकी आँखों के प्रणय में भी है ..प्यार ,
और मै क्या कहूँ ............
बस .....प्यार........प्यार और ....प्यार ....!
(......कृति....अंजु .....(अनु.....)

4 comments:

mai... ratnakar said...

bahut hee khubsoorat andaaz men pyar kee vyakhya kee hai aap ne. main aap ke vicharon se pooree tarah sahmat hoon. definitely love is such a beautiful feeling which under any circumstances or atmosphere easily presence its auspicious presence, thanks for such writting. you indeed have deep inner untouched feelings . pls keep on writting
all the best

विवेक दुबे"निश्चल" said...

प्यार बो प्याला हे यह तो मधु शाला हे
डूब यगा जो इस में उसका फिर अंदाज़ ही निराला हे
प्यार करना जो जान गया
प्यार को जो मन गया
पा गया ज़माने की बो हर ख़ुशी
जन्नत की तममनना नहीं तब उसको
यही हे उसकी तब हर ख़ुशी हर ख़ुशी vk

Anonymous said...

बहुत सुंदर सच्चे और अच्छे विचार - प्रशंसनीय प्रस्तुति

HBMedia said...

bahut sundar!!!