Friday, October 7, 2011
एक ग़ज़ल .....
खुद को खोया भी नहीं,तुमको पाया भी नहीं कभी
फिर साथ तुम्हारा ,अब कैसे मेरा अपना होगा ||
हमने हर गम से निखारी है यादे ,दिनो दिन तुम्हारी ,
तू ही बता कि ,मेरी बगावत का आखिरी रास्ता क्या होगा ||
तुमको पाते तो उसी मदहोशी में ,हम फ़ना हो जाते ....
हम नजदीकी से भी डरते रहे और ,दूरी भी ना बना पाए कभी ||
लोग कहते है कि ,पल भर में होगा सवेरा होगा अभी
पर सूरज को भी तो काली घटायों ने, घेरा होगा कभी ||
सुबह की शिखायों पर ,उतरती है उषा की लाली
कौन जाने की ये लाली, अनिष्ट है मेरी किस्मत की||
घेरा हुआ है कुदरत के तूफानों ने, इस संसार को
कौन जाने की कभी मेरा भी कोई नया ,सवेरा भी होगा||
क्या मुमकिन है की तूफ़ान के ,दब जाने पर भी ,
मेरा इश्क भी एक नये रूप में, मेरा ही होगा ????
अनु...
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31 comments:
वाह क्या कहने,,
घेरा हुआ है कुदरत के तूफानों ने इस संसार को
कौन जाने कभी मेरा नया सवेरा भी होगा
बहुत सुंदर
bahut pyari rachna likhi hai mam apne ....
bahut dino se swasthy sahi nahi tha isliye blog ko time nahi de paya.........
jai hind jai bharat
happy dashara
.सुन्दर भाव बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
सभी शेर अपने अलग अलग रूपों में, परिपूर्ण. अपने विविध अर्थों में भी एक मूल भाव की ओर बढ़ते शब्द.. पाठकों से प्रश्न करते हुए से.
सुन्दर.
प्रभावशाली प्रस्तुति ||
बहुत-बहुत बधाई ||
शुभ विजया ||
सुन्दर कविता...हाँ सूरज भी घिर जाता है काली घेरों में...
बहुत ही उम्दा ग़ज़ल.....
sundar prastuti
मन की पीड़ा से उपजी बहुत मार्मिक, बहुत सुन्दर रचना...
मन की पीडा को दर्शाती मार्मिक रचना
:):) kabhi lagta hai, ham ek jaise hi to hain...mitra bhi aur shabdo ko samajhne ki chesta karne wale bhi...
.
.
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par achchha lagta hai dekh kar ki tum bahut aage nikal gayee !! tumhara isq to tumhara hi hoga:)
god bless to u Anju!!
waah
वाह जी,क्या बात है.
खूब लिखा है.
अच्छे अशआर कहे हैं आपने...
सादर...
मन की भावनाओं को
सुन्दर शब्दावली दी है आपने ...
अति सुन्दर !
क्या मुमकिन है कि तूफ़ान के दब जाने पर भी ,
मेरा इश्क भी एक नये रूप में, मेरा ही होगा ????
बेहतरीन रचना.
सुन्दर अभिव्यक्ति
अरे वाह! क्या बात है
सरल शब्दों मे गहन भावभिव्यक्ति दी है.....
Bahut sunder rachna hain
वाह ...बहुत बढि़या।
खूबसूरत ग़ज़ल!
प्रभावशाली प्रस्तुति
बहुत ही उम्दा प्रस्तुति ...
bdi hi bariki se sath zazbaat piroye h ji aapne. bdhai swikar kre. bahut khoob
हर लफ्ज़ में गहराई ... वाह !! क्या बात है ..प्रभावशाली प्रस्तुति |
कुछ व्यक्तिगत कारणों से पिछले 15 दिनों से ब्लॉग से दूर था
इसी कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका !
अशोक अरोरा.....
सब सुन्दर ही सुन्दर.....बहुत खूब लिख है आप ने ...अनु...
...खुद को खोया भी नहीँ ..तुम को पाया भी..नहीँ...
पर अनु..जी...
किसी को पाना है तो खुद को पहले खोना होगा तुम्हेँ..
प्यार का ये ही तो कायम रखना होगा तुम्हेँ.......
beautiful
bahut hi sundar gajal hai
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