दोस्ती......
किताबे पढ़ी ,
मन का मंथन किया
खूब सोचा-समझा
और जांचा
ऐ-दोस्त तुझे ....
राहे-जिन्दगी में
ख़ुशी मिले ना मिले
सुकून जरुर मिले|
मैंने जन्नत तो नहीं देखी....पर, राहे-जिन्दगी में
ख़ुशी मिले ना मिले
सुकून जरुर मिले|
चलते-फिरते हुए
तेरी आँखों में सादगी देखीं
राह चलते भी
रिश्ते बन जाया करते हैं
वहीँ रिश्ते मंजिल
तक जाते हैं ..
ऐ-दोस्त पर मैंने ..
तेरी दोस्ती की इन्तहां देखी |
आदमी ही आदमी का
दुश्मन हैं यहाँ
मत पुछिए...किइस दिल की
आरजू हैं ये कि ..
हाथ उठा कर ,
अल्लाह से सिर्फ प्यार
नहीं माँगा करते
दोस्ती के लिए भी मैंने ,
फ़रियाद मंज़ूर होते देखी |अल्लाह से सिर्फ प्यार
नहीं माँगा करते
दोस्ती के लिए भी मैंने ,
आँखों से तूफ़ान उठाया
जा सकता हैं
चुप रह कर उसे
फिर से दिल में
छिपाया जा सकता हैं
हर मौसम में जलती देखी |
अब बस एक ही
आरजू है मेरी कि ...
मेरी हर दुआ
तुझे छू कर गुज़रे
दिल में मचलती देखी ||
अनु....
42 comments:
वाह जी वाह क्या सही बात बतायी है आपने इन शब्दों द्धारा।
दोस्ती से हम और हम से ये जहाँ है ,
तेरी मुजूदगी बनी रहती है ए दोस्त मेरे दिल में
मेरी सांसों में तेरी खुस्वू रबा है ...
में तेरी दुआ और तू मेरा खुदा है ....
बहुत अच्छी यादें लायी है दोस्ती की आप
अपनी कविता में लायी है ...
Nice Bebe
waah
maine jannat to nahi dekhi , par teri aankho me saadgi dekhi h :)
वाह जी बल्ले बल्ले
दोस्ती सच मे एक अनमोल चीज़ होती है।
सादर
bahut sundar anu di..bahut bhawpoorn rachna ...aise hi likhte rahiye ...par aap is se bhi jyada achha likh sakti hain ...
दोस्ती नहीं तो कुछ नहीं लानत हैं जिन्दगी .....बहुत खूब !
पता है ... मुझे अभी एक बहुत अच्छी दोस्त मिली है... अब तो बस ऐसा लगता है कि हमेशा उससे टच में रहूँ... और आपकी यह दोस्ती पर पोस्ट.... बहुत सही टाइम पर आई... इतनी अच्छी कविता लिखने के लिए आपको बहुत बहुत बधाई....
yun doobker samajhna dosti ka maan hai...
बहुत ही खुबसूरत दोस्ती की रचना.....
Waah sunder kavita, dosti cheez hi aisi hai, dost ke liye kitna bhi karo kam hai.
Sunder shabdo ke saath pyari kavita ghadi hai.
Aabhaar....
अंजू जी,..
आपकी रचना पढकर एक पुरानी फिल्म'दोस्ती'
की याद आ गई,उसका एक बहुत सुंदर गाना,
"कोई जब राह न पाए मेरे संग आये,.....
मेरी दोस्ती मेरा प्यार.....
बहुत ही खूबसूरत रचना लिखने की बधाई..
मेरे पोस्ट 'शब्द'में आपका इंतजार है..
बहुत सुन्दर भावो को संजोया है।
अपने चर्चा मंच पर, कुछ लिंकों की धूम।
अपने चिट्ठे के लिए, उपवन में लो घूम।।
bahut khub...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
आरजू है मेरी कि ...
मेरी हर दुआ
तुझे छू कर गुज़रे
ये ही तम्मना हर बार
दिल में मचलती देखी ||
::::::::::::सुंदर रचना ....हार्दिक बधाई
::::::::::अति सुन्दर:::::::::
बहुत सुंदर भावों से सजी मनमोहक रचना
बहुत अच्छी लगी आपकी ये रचना....दोस्ती पर अंजू दीदी
सुन्दर भाव लिए हुए अच्छी प्रस्तुति
दोस्ती सच में एक अनमोल उपहार है...सुंदर अहसासों से परिपूर्ण बहुत भावमयी प्रस्तुति..
बहुत खूब
बहुत सुन्दर भावो से सजी सुन्दर अभिव्यक्ति..
ati sundar.
अन्जूजी,..
मेरे नए पोस्ट "प्रतिस्पर्धा'में है इंतजार..
पिछली पोस्ट में आने के लिए आभार ...
मैंने जन्नत तो नहीं देखी
पर चलते फिरते हुए ....तेरी आँखों में सादगी देखी
मन की बात को कहने का अनूठा अंदाज....वाह !!!
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 01-12 - 2011 को यहाँ भी है
...नयी पुरानी हलचल में आज .उड़ मेरे संग कल्पनाओं के दायरे में
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति |
आशा
mohak bhaav ke saath umdaa prastuti
बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया है आपने दोस्ती के इस गुलदस्ते को!
आपकी भावनाओं को सलाम !
दोस्ती जिंदाबाद!!
मैं अंजू आपसे सिर्फ एक बार मिला हूँ, पर मैंने ये आपसे जाना कि कैसे दोस्त को अहमियत दिया जाता है...
अब आपके शब्द खुद बता रहे हैं कि कैसे दोस्तों को अहमियत देने वाले और दिल को छूने वाले शब्द आपके दिल से निकलते हैं...
मेरी दिल से तमन्ना है कि आप जिंदगी में हर वो चीज हासिल करें जो आपने मन में गलती से भी आ जाये:))))
दोस्ती अनमोल है, इसे आपने जिस तरह से रखा है, उससे साफ है कि आपको दोस्ती का अहसास भी है। दिल से लिखी कविता.. बहुत सुंदर
ऐ दोस्त तुझे..
राहे जिंदगी में
खुशी मिले ना मिले
सुकून जरूर मिले.. क्या कहने
सुन्दर , !!
bahut sunder rachna , dosti bina sab aduhra hai
*O SATHI RE TERE BINA BHI KYA ZEENA *
ख़ूबसूरत भाव से सुसज्जित उम्दा रचना लिखा है आपने! सुन्दर प्रस्तुती!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
sundat kawita..badhai
khoobsurat hai...ye dosti...
बहुत खूब.
अंजू ...
दोस्ती और प्यार के गहरे अहसास को आपने तो अपने नाज़ुक शब्दों से संवार दिया है ... आगे मैं क्या कहूँ .. आपकी नज़्म को सलाम ..
अशोक अरोरा...
अंजू.......दोस्त और दोस्ती क्या होती है...ये.तुम से अच्छा कौन जान जान सकता है...और यही तुम ने अपनी रचना द्वारा...समझा भी दिया...पर यहाँ तो ऐसे दोस्त भी हैँ...बिना..हक़ीक़त जाने ..दोस्त से किनारा कर लेते हैँ...
खास कर ये शब्द..
ऐ दोस्त तुझे
राहे ज़िँदगी मैँ
खुशी मिले ना मिले
पर सुकून जरुर मिले........बहुत उम्दा.... .
dosti ke pavitra riste ki gahraai darshati rachna...
aabhaar :)
Post a Comment