ये ''miss u'' शब्द जितना छोटा है लिखने में उतनी ही इस से उम्मीद बडी हो
जाती है ...जब आप किसी के साथ खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हो तो कुछ वक्त
तक तो ऐसा लगता है जैसे आप उसी की छत्र-छाया में रहें| बस ये खुमारी कभी
ना उतरे,पर जिंदगी का सच इस कहीं उल्टा और कड़वा होता है |
जब सच अपनी काटने वाली सच्चाई के साथ आपके सामने खड़ा होता है तो ,ना चाहते हुए भी आपको अपनी जिंदगी में वापिस आना ही पड़ता है | मेरे ख्याल से मानुष जन्म में कोई भी ऐसा इंसान नहीं होगा जो सपनों में,उम्मीदों में या अपनी पुरानी यादों में अपने खाली वक्त में टटोलता नहीं होगा | तभी तो जब आप किसी के साथ कुछ जुड़ाव की स्थिति में आते है तो ये ''miss u'' कहना या मोबाईल पर या लिख कर भेज देना ही उसके लिए बहुत कुछ हो जाता है |
निराशाजनक परिस्थितियों में हर वक्त उलटा सोचना,निराशा भारी बाते करना और हर वक्त गुमसुम से घंटो बैठे रहना ,बस ऐसे ही दिन शुरू होता और वैसे ही खत्म हो जाता ...एक मशीन की भांति| इस लिए अच्छा है ना किसी के ख्यालों को जिंदगी बना कर ...उसी में खुद को जीवित कर लिए जाए, कम से कम उस वक्त खाओ ,पीओ और मौज मनाओ वाली स्टेज तो रहती है |
कम से कम वक्त-बेवक्त ये बात तो हर वक्त दिमाग में रहती ही है कि मैं...''miss u'' हो रही हूँ | उफ़ कितना सुकून मिलता है ये मैं बता नहीं सकती और बार बार मोबाईल उठा कर उसके पुराने भेजे''miss u'' को पढ़ना उफ्फ्फ वो बताने के लिए भी शब्द नहीं हैं मेरे पास और पलट कर मैं भी ''miss u tooooooooooo''(bade se wala)लिख कर उस पर पलट वार करती हूँ :) | क्या करूँ ज़माना ही ऐसा है ...अगर रिप्लाई ना करो तो सामने वाला ...down market ..लोअर मिडल क्लास समझने लगता है ..और मुझे वो अपने आप को बिलकुल शो नहीं करना ...भई हम आज के वक्त के जीव हैं ...क्या हुआ अगर ईश्वर ने औरत बना कर भेजा है ...दिल तो हम भी रखती हैं ना |
और हम अपने ही बच्चों की होड़ क्यों ना करे ...सुपर मोम हैं हम आज कल की ...जब टीवी पर आज की मोम ...mrs india...aaj kii supar mom...डांस इंडिया डांस (mothers spl) का हिस्सा बन सकती है तो क्या मैं किसी को भी ''miss u'' नहीं लिख सकती |
नोट ..मैं अपनी महिला दोस्तों से सिर्फ ये ही कहूँगी कि ...ये सिर्फ मेरी सोच है जो मैंने देखा और अपने आस-पास होते हुए देख रही हूँ | किसी व्यक्ति विशेष को मैंने टिप्पणी नहीं की है ...पर आज कल ऐसा बहुत हो रहा है | कुछ वक्त पहले फेसबुक पर किसी दोस्त ने एक प्रश्न किया था कि ...''ये इन दिनों फेसबुक पर महिला रचनाकारों और विशेष रूप से कवियित्रियों की जो भीड़ दिखाई देने लगी है, क्या वास्तव में उनका कविता और साहित्य से कोई वास्ता नजर आता है क्या ?
हाँ पर मैं इतना जरुर कहूँगी कि वाकई कभी कभी कुछ रिश्ते ऐसे बनते हैं ...जिन्हें हम दिल से निभाते है और उन्हें हम miss भी करते है ...ऐसे सच्चे रिश्तों के लिए,मैं भी सर झुका कर नमन करती हूँ |पर क्या ये सही बात है कि लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए ...कुछ भी ऐसा किया जाए कि वो झूठे लोग आपकी वाह-वाही करे ...ऐसी झूठी वाह-वाही से अपने आत्म-सम्मान को मत मरने दीजिए ...मैं बस इतना ही कहना चाहती हूँ ||
चलते चलते बस यूँ ही
अंजु(अनु)
जब सच अपनी काटने वाली सच्चाई के साथ आपके सामने खड़ा होता है तो ,ना चाहते हुए भी आपको अपनी जिंदगी में वापिस आना ही पड़ता है | मेरे ख्याल से मानुष जन्म में कोई भी ऐसा इंसान नहीं होगा जो सपनों में,उम्मीदों में या अपनी पुरानी यादों में अपने खाली वक्त में टटोलता नहीं होगा | तभी तो जब आप किसी के साथ कुछ जुड़ाव की स्थिति में आते है तो ये ''miss u'' कहना या मोबाईल पर या लिख कर भेज देना ही उसके लिए बहुत कुछ हो जाता है |
निराशाजनक परिस्थितियों में हर वक्त उलटा सोचना,निराशा भारी बाते करना और हर वक्त गुमसुम से घंटो बैठे रहना ,बस ऐसे ही दिन शुरू होता और वैसे ही खत्म हो जाता ...एक मशीन की भांति| इस लिए अच्छा है ना किसी के ख्यालों को जिंदगी बना कर ...उसी में खुद को जीवित कर लिए जाए, कम से कम उस वक्त खाओ ,पीओ और मौज मनाओ वाली स्टेज तो रहती है |
कम से कम वक्त-बेवक्त ये बात तो हर वक्त दिमाग में रहती ही है कि मैं...''miss u'' हो रही हूँ | उफ़ कितना सुकून मिलता है ये मैं बता नहीं सकती और बार बार मोबाईल उठा कर उसके पुराने भेजे''miss u'' को पढ़ना उफ्फ्फ वो बताने के लिए भी शब्द नहीं हैं मेरे पास और पलट कर मैं भी ''miss u tooooooooooo''(bade se wala)लिख कर उस पर पलट वार करती हूँ :) | क्या करूँ ज़माना ही ऐसा है ...अगर रिप्लाई ना करो तो सामने वाला ...down market ..लोअर मिडल क्लास समझने लगता है ..और मुझे वो अपने आप को बिलकुल शो नहीं करना ...भई हम आज के वक्त के जीव हैं ...क्या हुआ अगर ईश्वर ने औरत बना कर भेजा है ...दिल तो हम भी रखती हैं ना |
और हम अपने ही बच्चों की होड़ क्यों ना करे ...सुपर मोम हैं हम आज कल की ...जब टीवी पर आज की मोम ...mrs india...aaj kii supar mom...डांस इंडिया डांस (mothers spl) का हिस्सा बन सकती है तो क्या मैं किसी को भी ''miss u'' नहीं लिख सकती |
नोट ..मैं अपनी महिला दोस्तों से सिर्फ ये ही कहूँगी कि ...ये सिर्फ मेरी सोच है जो मैंने देखा और अपने आस-पास होते हुए देख रही हूँ | किसी व्यक्ति विशेष को मैंने टिप्पणी नहीं की है ...पर आज कल ऐसा बहुत हो रहा है | कुछ वक्त पहले फेसबुक पर किसी दोस्त ने एक प्रश्न किया था कि ...''ये इन दिनों फेसबुक पर महिला रचनाकारों और विशेष रूप से कवियित्रियों की जो भीड़ दिखाई देने लगी है, क्या वास्तव में उनका कविता और साहित्य से कोई वास्ता नजर आता है क्या ?
मैंने ये बात आपसे
इसलिए शेयर की क्योंकि जितनी संख्या ऐसी महिला रचनाकारों की है, उससे
अधिक संख्या उनके ऐसे सो कॉल्ड दोस्तों की है जो बिना कुछ जाने समझे
उनकी तारीफ में बेहिसाब कसीदे गढ़ते हैं।
एक्चुअली उनका छद्म मकसद कुछ और होता है||''
ये प्रश्न मुझ से पूछा गया था ....बहुत देर तक सोचती रही कि इसका का जवाब दूँ ...हर किसी अपनी-अपनी जिंदगी है, मैं कैसे किसी के बारे में कोई टिपण्णी कर सकती हूँ?|
पर मन नहीं माना और ये लेख उन्हीं के उत्तर में लिखा है |''miss u'' तो लिखने का एक बहाने जैसा हैं ..जैसे अपनी बात रखने के लिए एक भूमिका की जरुरत होती है ठीक वैसे ही | यहाँ ऐसा बहुत कुछ देखने को मिलता है जो एक महिला लेखक होने के नाते कभी-कभी नागवार गुज़रता है |
ये प्रश्न मुझ से पूछा गया था ....बहुत देर तक सोचती रही कि इसका का जवाब दूँ ...हर किसी अपनी-अपनी जिंदगी है, मैं कैसे किसी के बारे में कोई टिपण्णी कर सकती हूँ?|
पर मन नहीं माना और ये लेख उन्हीं के उत्तर में लिखा है |''miss u'' तो लिखने का एक बहाने जैसा हैं ..जैसे अपनी बात रखने के लिए एक भूमिका की जरुरत होती है ठीक वैसे ही | यहाँ ऐसा बहुत कुछ देखने को मिलता है जो एक महिला लेखक होने के नाते कभी-कभी नागवार गुज़रता है |
चलते चलते बस यूँ ही
अंजु(अनु)
55 comments:
बहुत साफगोई से कही गई बड़ी बात. मूर्खजन भी समझ जायेंगे
:)खरी खरी बातें हैं , चलो बहाना मिला - बहुत मज़ा आया
हा हा हा हा हा - बहुत बढ़िया और हास्यरस से परिपूर्ण लेख | आपको मुर्खानंद दिवस की शुभकामनायें | हँसते रहिये मुस्कराते रहिये | आभार
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत सही कहा अंजू , हर एक के पास अपना -अपना विवेक होता है तो यह जाना ही जा सकता है की आपको सामने वाला कितना मूर्ख बनाता है या समझता है ...
उपासना आज कल कोई अपना विवेक ही तो काम में नहीं लाता ....आभार लेख पढ़ने के लिए
दीदी ...कभी कभी खरी बात भी जरुरी हो जाती है
बिल्कुल सही कहा आपने ... अच्छा लगा पढ़कर
आभार
wow nice feeling floating in this :-)
shabdo se hi bhaw bante hain, aur unse hi ahsaas jeevit hoti hai...
aisa hi kuchh MISS YOU hai.. :)
itni sachhi baat .. moorkh divas par likhenge to log isko yun hi samjhenge! ! nhi kya!
ये भी चल ही रहा है पर शायद miss u का मेसेज भेजने तक जान पहचान ना हो तो यह भेजने वाले के उल्लूपने की निशानी ही हो सकती है.
रामराम.
...आपने तो खरी खरी सुना दी!...बहुत अच्छा लगा!
बड़ी बेबाकी से सच को उकेरती प्रस्तुति ! बहुत खूब !
चलते चलते बस यूँ ही आपने miss u का सही मतलब बता ही दिया कि आप का ही दिन है
latest post कोल्हू के बैल
latest post धर्म क्या है ?
सच है,
बेबाक राय
सटीक अभिव्यक्ति
achchha likhahai aapne ...
बहुत सही लिखा है अनु...!
आज कि जिंदगी में जीना है तो उसी के हिसाब से...!
लेकिन अपने आप को भी हिसाब में रखना बहुत ज़रूरी है...!!
बिल्कुल सही कहा ,बहुत अच्छा लगा!
ऐसे लोगों की क्या परवाह करना...जिनके लिए आज का दिन ही डेडीकेट कर दिया गया हो...साफगोई अच्छी लगी...
ऐसे लोगों की क्या परवाह करना...जिनके लिए आज का दिन ही डेडीकेट कर दिया गया हो...साफगोई अच्छी लगी...
khari khari bhi bahut sarl tareeke se kah di aapne ...badiya ..
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार2/4/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है
आभार आपका
sach ko kab jhut na lage tab bola jaye to vah bahut kuch samjha jata hai anju ji .. bahut achha laga aapka likha
हिला दिया . वो मारा पापड़ वाले को . क्या चौचक मस्ती करी है. मूर्खो के दिन बन गए .
हा हा हाहा हा हा ...शुक्रिया आशीष
आभार पवन
सटीक अभिव्यक्ति .......
miss u को बाण बना क्या निशाना लगाया है आपने।सार्थक लेख|
बहुत बढ़िया ...सोलह आने खरी... आभार
badhiya aalekha .......happy Fools day
स्वयं को आधुनिक और प्रगतिशील दिखाने की होड़ है बस !
moorkh divas hamesha hee mahattvpoorn hota hai!!!!
बहुत ही सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति,आभार.
भई! ये तो अपने हाथ में है कि पहली अप्रैल को मुर्ख बना दिए जाएँ या कि हर दिन खुद ही ऐसी मुर्खता करते रहे..
sach aur sirf sach kaha apne.....lekh padh kar maza bhi aya....aur sach jo man mey chalta hai usay padh bhi liya.....
बहुत सच कहा है, मूर्ख दिवस पर भी..
बिल्कुल सही और सटीक कहा
Anju bilkul sahi bat kahi , vastav men aisa hi hai aur aisa kyon hota hai? ye bhi ham sab janate hain. aur aisa nahin hai kuchh mahilaayen bhi aisi jhoothi prashansa ke bhram men pad kar apane ko bahut mahan samajhane kee bhool karne lagati hain.
सटीक आलेख ...शुभकामनायें
उल्लू ...
सही है !
सही और सटीक
बिल्कुल सही और सटीक अभिव्यक्ति.
:)
मजाक में ही सही पर आपने एक सटीक मुद्दे को छुआ है ।
दिल को खुशी मिले तो मूर्ख बन जाने में भी क्या हर्ज ...
पर ये निशाना कहां लगाया है ये तो खुलासा करें ...
हम सुपर मौम हैं; तो क्या हुआ... हमारे पास भी दिल है... बहुत सटीक लेखन, बधाई.
LEKIN SAMAJHATA KAUN HAI
सत्य को उजागर करती पोस्ट...बहुत बढ़िया...we miss u...
ekdam saamyik chintan aur purv dhaaranaa ko todti hui...thanks.
अंजू जी सही दस्तक दी है.
excellent-***
बिल्कुल सही और सटीक अभिव्यक्ति.
...कुछ भी ऐसा किया जाए कि वो झूठे लोग आपकी वाह-वाही करे ...ऐसी झूठी वाह-वाही से अपने आत्म-सम्मान को मत मरने दीजिए ...मैं बस इतना ही कहना चाहती हूँ ||
बात लाख टके की
महिला होने को निभाना वाकई मुश्किल है अंजू जी, बड़ी लक्ष्मण रेखाएं हैं.
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