Sunday, August 18, 2013

अनूठा प्रेम




एक तरंग, एक लहर
एक संसार,एक ख़याल
कमज़ोर क्षण,ताकतवर इंसान
खुद  से मुक्त होने का है
दोहराव |

एक जिंदगी, एक अजमाइश
एक गुरु,एक शिक्षा 
एक शत्रु,एक भूल
है  नज़र भर का
धोखा जरुर |

एक राम,एक श्याम
एक बुद्ध, एक ज्ञान
एक उपेक्षा, एक अपेक्षा
सूत्र-दर-सूत्र होता है
खुद पर विश्वास |

एक सुंदरता,एक अहंकार
एक  झुकाव,एक तृप्ति
एक कुशल,एक विनम्र
नि-अहंकार भाव में  झुक जाना
है बेहतर ||

एक स्थिति
सूक्ष्म विधियाँ
एक  अनूठा प्रेम
सबसे
देता  संपूर्णता  का अहसास
अपने-आप में ||

अंजु(अनु)

51 comments:

Darshan jangra said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. हिंदी ब्लॉग समूह के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {सोमवार} (19-08-2013) को हिंदी ब्लॉग समूह
पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी {सोमवार} (19-08-2013) को पधारें, सादर .... Darshan jangra

हिंदी ब्लॉग समूह

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार आपका

Ankur Jain said...

बिल्कुल सही..कुछ ऐसा ही प्रेम।।

मुकेश कुमार सिन्हा said...

एक राम,एक श्याम
एक बुद्ध, एक ज्ञान
एक उपेक्षा, एक अपेक्षा
सूत्र-दर-सूत्र होता है
खुद पर विश्वास |

sab ek.. fir bhi ham anek..!!
behtareen likhti ho :)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

एक सुंदरता,एक अहंकार
एक झुकाव,एक तृप्ति
एक कुशल,एक विनम्र
नि-अहंकार भाव में झुक जाना
है बेहतर ||
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना,,,

RECENT POST: आज़ादी की वर्षगांठ.

vijay kumar sappatti said...

एक स्थिति
सूक्ष्म विधियाँ
एक अनूठा प्रेम
सबसे
देता संपूर्णता का अहसास
अपने-आप में ||

salaam anju. tumne aaj tak aisa nahi likha .....

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बढिया

अनुपमा पाठक said...

वाह!

ताऊ रामपुरिया said...

एक राम,एक श्याम
एक बुद्ध, एक ज्ञान
एक उपेक्षा, एक अपेक्षा
सूत्र-दर-सूत्र होता है
खुद पर विश्वास |

बहुत ही सुंदरतम भाव और सशक्त.

रामराम.

अज़ीज़ जौनपुरी said...

Sundar abhivykti

Dr. Shorya said...

bahut sunder, anu ji dhero shubhkamnaye

Pallavi saxena said...

सफल एवं सुखी दांपत्य जीवन का आधार होता है यही अनूठा प्रेम...सुंदर एवं सार्थक भावभिव्यक्ति।

ashokkhachar56@gmail.com said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

कालीपद "प्रसाद" said...

एक राम,एक श्याम
एक बुद्ध, एक ज्ञान
एक उपेक्षा, एक अपेक्षा
सूत्र-दर-सूत्र होता है
खुद पर विश्वास
बहुत सुन्दर रचना
atest post नए मेहमान

अरुण चन्द्र रॉय said...

भावपूर्ण रचना

Sadhana Vaid said...

गहन, गूढ़ एवँ सशक्त प्रस्तुति ! बहुत ही सुंदर एवँ हृदयग्राही रचना ! बधाई एवँ शुभकामनायें अंजू जी !

Rohit Singh said...

कितनी गंभीर बातें..सभी कुछ एक दूसरे से जुड़ा हुआ...

Ramakant Singh said...

एक जिंदगी, एक अजमाइश
एक गुरु,एक शिक्षा
एक शत्रु,एक भूल
है नज़र भर का
धोखा जरुर |

जीवन के बहुआयाम को रंगों में रंगती चित्रकार की कृति प्रतीत होती है

Aparna Bose said...

एक जिंदगी, एक अजमाइश
एक गुरु,एक शिक्षा
एक शत्रु,एक भूल
है नज़र भर का
धोखा जरुर .............bohat hi sundar evam sashakt abhivyakti... :)

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर शब्द चयन और रचना |
आशा

Asha Lata Saxena said...

बहुत सुन्दर शब्द चयन और रचना |
आशा

ARUNIMA said...

बहुत सुंदर

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत गहन और सुंदर अभिव्यक्ति

nayee dunia said...

bahut sahi baat kahi .....bahut sundar

Ranjana verma said...

प्रेम का बहुत खुबसूरत भाव ...

Rewa Tibrewal said...

didi bahut sundar....

दीपक बाबा said...

एक स्थिति
सूक्ष्म विधियाँ
एक अनूठा प्रेम
सबसे
देता संपूर्णता का अहसास
अपने-आप में ||


सुंदरता का अहसास लिए सुंदर कविता.

Maheshwari kaneri said...

क अनूठा प्रेम
सबसे
देता संपूर्णता का अहसास..बहुत सुन्दर..

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत बेहतरीन प्रभावी रचना..
:-)

Shekhar Suman said...

किसी टिपण्णी की ज़रुरत तो महसूस नहीं होती इस कविता के लिए... बेहतरीन काव्य संचन...

Satish Saxena said...

एक उपेक्षा, एक अपेक्षा...
सोंचने को मजबूर करती है यह रचना अनु !
बधाई !

Kailash Sharma said...

एक अनूठा प्रेम
सबसे
देता संपूर्णता का अहसास
अपने-आप में ||

...लाज़वाब...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...

Anju (Anu) Chaudhary said...

aabhar

Anju (Anu) Chaudhary said...

शुक्रिया ..शेखर जी

Anju (Anu) Chaudhary said...

शुक्रिया

दिगम्बर नासवा said...

सोचने को विवश करती रचना ...
सब कुछ एक ही है ओर ये ओंकार भी तो एक ही है ... इसी में तो एकाकार होना है ... ये सपना भी तो एक ही है ... जैसे ये माया भी एक ही है ...

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही बढिया कविता! शब्दों और भावों का लाजवाब संयोजन !!
रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !!!!

Amrita Tanmay said...

यही अनूठा प्रेम तो जीवन का संबल है..सुन्दर रचना..

वाणी गीत said...

सूत्र दर सूत्र बढ़ता जाता खुद पर विश्वास !
यही विश्वास प्रेम और जीवन की धरोहर है !

Tamasha-E-Zindagi said...

बहुत सुन्दर कविता |

ashok andrey said...

bahut sundar rachnaa,badhai.

Anonymous said...

हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |

Anonymous said...

हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |

Ankur Jain said...

लाजबाब रचना..प्रेम ऐसा ही अनूठा, अनुपम होता है..

कौशल लाल said...

वाह!

Unknown said...

बहुतउम्दा

Neeraj Neer said...

सुन्दर रचना अनु जी , अच्छे भाव ..

Dr.NISHA MAHARANA said...

waah anuthe prem ki lajaavab prastuti

राजीव कुमार झा said...

बहुत सुन्दर कविता .

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




एक अनूठा प्रेम
सबसे
देता संपूर्णता का अहसास
अपने-आप में...

लाख बात की एक बात ...
:)


आदरणीया अंजु अनु जी
सुंदर सारगर्भित रचना के लिए साधुवाद !

पिछली पोस्ट खूबसूरती, बलात्कार और तेजाब से पीड़ित लड़कियाँ पढ़ कर मन पीड़ा से भर गया...
आप बहुत भावनाभरी कविताएं लिखती हैं...
श्रेष्ठ सृजन हेतु आभार एवं शुभकामनाएं !


हार्दिक मंगलकामनाओं सहित...
-राजेन्द्र स्वर्णकार

वाऽहऽऽ…!

Mahesh Barmate "Maahi" said...

बहुत सुंदर :)