Tuesday, May 1, 2012

इन्हें संभाल के रखना


 इन्हें संभाल के रखना


मेरी दोस्ती ...मेरा साथ
मेरा अकेलापन ...तेरा साथ
मेरी यादे बन ना जाएँ
कही अफसाना ...
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

अपनी दोस्ती के अनमोल पल
खूब सारी बाते ...संग संग हँसना
पलो को बाँटना ....
विश्वास के आदर के यकीन को
दोस्ती के रंगों से भरना
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

मेरी कहानियां ...मेरी कविता

मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||

अनु 

50 comments:

Rewa Tibrewal said...

apki ye lines padh kar aisa laga jaise mere ehsaso ko shabd dey diya apne.....very nicee

रश्मि प्रभा... said...

जो पल हमारे हैं जीने के लिए ज़रूरी हैं .... संभालकर रखना ही होगा , बहुत सुन्दर ख्याल
मेरी कहानियां ...मेरी कविता
मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||

संजय भास्‍कर said...

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों....बेहतरीन भाव....खूबसूरत कविता...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत भाव ....

मेरी कहानियां ...मेरी कविता
मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||

Vichar Kranti said...

भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श

bahut khub

bahut hi achhi kavita he
Thanks

दीपक बाबा said...

सुंदर भावों से औत प्रोत कविता,

ANULATA RAJ NAIR said...

वाह...........
बहुत सुंदर...

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना...............

खूबसूरत..............

Dr. sandhya tiwari said...

sundar shabdon ke sanyojan aapne bahut sundar bhav prastut kiye

अरुण चन्द्र रॉय said...

खूबसूरत कविता..

मेरा मन पंछी सा said...

मीठी यादो को सजाकर रखना सुखद होता ही है...
बहुत ही सुन्दर भाव व्यक्त करती रचना
बेहतरीन अभिव्यक्ति....

मेरा मन पंछी सा said...

मीठी यादो को सजाकर रखना सुखद होता ही है...
बहुत ही सुन्दर भाव व्यक्त करती रचना
बेहतरीन अभिव्यक्ति....

मेरा मन पंछी सा said...

मीठी यादो को सजाकर रखना सुखद होता ही है...
बहुत ही सुन्दर भाव व्यक्त करती रचना
बेहतरीन अभिव्यक्ति....

shikha varshney said...

हर रचनाकार की यही आस होती होगी..
बहुत सुन्दर अहसास.

Maheshwari kaneri said...

Very nice.beautiful....

Maheshwari kaneri said...

Very nice.beautiful....

सदा said...

मेरी कहानियां ...मेरी कविता
मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||
अनुपम भाव लिए बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

कल 02/05/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


...'' स्‍मृति की एक बूंद मेरे काँधे पे '' ...

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

विश्वास के आदर के यकीन को
दोस्ती के रंगों से भरना
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना.....bahtu hee behtarin andaaj me baat kah dee hai dil kee aapne anu jee..sadar badhayee ke sath

अशोक सलूजा said...

ये एहसासों की धरोहर है ...ये हमेशा साथ रहेगी !
शुभकामनाएँ!

विभूति" said...

बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

Arun sathi said...

जरूर

Arun sathi said...

जरूर

udaya veer singh said...

खुबसूरत अभिवयक्ति...

Ramakant Singh said...

सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

बेहतरीन अभिव्यक्ति.

मनोज कुमार said...

भावाभिव्यक्ति मन को छूती है।

प्रेम सरोवर said...

सारगर्भित रचना । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

संध्या शर्मा said...

मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||
बहुत खूबसूरत शब्दों में अपने मन की बात कही है आपने... जी हाँ हमेशा याद रहेगा यह रूप... शुभकामनाएं

Anupama Tripathi said...

मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||

बहुत सुंदर भाव ...कुछ बातें भुलाये नहीं भूलता है मन .....
शुभकामनायें ....

Anupama Tripathi said...

मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||

बहुत सुंदर भाव ...कुछ बातें भुलाये नहीं भूलता है मन .....
शुभकामनायें ....

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति said...

हमने संभाल लिया है ..आपके उम्दा ख्यालात ..सुन्दर भाव

Dr. Vandana Singh said...

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

...बेहद भाव पूर्ण....शुभकामनायें...:)

Anita said...

अपने ही मन से बातें और प्यार भरी मनुहार..बहुत सुंदर भाव और शब्द !

Shalini Khanna said...

bahut sundar abhivyakti.....

Shalini Khanna said...

bahut sundar abhivyakti................

Asha Joglekar said...

बहुत सुंदर, हमारा मन और हम के बीच एक अलिखित सा करार ।

udaya veer singh said...

मेरी कहानियां ...मेरी कविता
मेरी बाते ..मेरे भाव
बिन ज्ञान ..कौन रखेगा याद
मेरे बाद ..मुझे इस रूप में
याद रखना
इन्हें संभाल के रखना ....||
बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द....बेहतरीन भाव....खूबसूरत कविता...

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी पोस्ट 3/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें

चर्चा - 868:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

vijay kumar sappatti said...

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना न

ये पंक्तियाँ बहुत ही अच्छी लगी है. मन को छु गयी. दिल से बधाई .

Santosh Kumar said...

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

बहुत सुन्दर...ये रचना भी संजो कर रखने लायक है.

आभार

पूनम श्रीवास्तव said...

aakhiri ki panktiyan bahut hi marm saparshi-----
poonam

पूनम श्रीवास्तव said...

sari ki saari hi dil ko chhoo gain
bahut hi behatreen
poonam

दिगम्बर नासवा said...

यादें कों संभालना नहीं पढता ये तो स्वत ही आ जाती अहिं बिन बुलाये और जाती नहीं ....
लाजवाब ख्यालों की उड़ान ...

नीरज गोस्वामी said...

बहुत अच्छी रचना...बधाई...

नीरज

Satish Saxena said...

मेरी यादे बन ना जाएँ
कही कोई अफसाना ..
कोई बड़ी प्यारी रचना है ....

प्रताप नारायण सिंह (Pratap Narayan Singh) said...

सुन्दर कविता !

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना .....मोहक पंक्तियाँ !

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

क्या बात है
बहुत सुंदर


सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

सुन ओ मेरे मन ..
भ्रमरों की गुंजन से
गुंजित है अपने भी गीत
सूर्य-रश्मि की ज्योति सा
पवित्र है अपना स्पर्श
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना


बहुत सुंदर,
क्या कहने

Harshvardhan said...

bahut khoob..............

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

बहुत ही सुंदर भाव...सुन्दर प्रस्तुति...हार्दिक बधाई...

Kailash Sharma said...

मेरी दोस्ती ...मेरा साथ
मेरा अकेलापन ...तेरा साथ
मेरी यादे बन ना जाएँ
कही अफसाना ...
सब है हम दोनों के मध्य
इन्हें संभाल के रखना

....लाज़वाब अहसास...बहुत सुन्दर भावमयी रचना...

Asha Lata Saxena said...

भावपूर्ण अभिव्यक्ति