Friday, October 26, 2012

अब वहाँ मैं भी हूँ ....

यहाँ ..एक पल में ख्याब सजतें है
अगले ही पल टूट जाते है
तो मुझे क्या लुत्फ़ देंगी ,
इस ज़माने की कोई भी  खुशी
बड़ी ही कशमकश में हूँ कि 

क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,

जिस से मेरी ही दुनिया 
आबाद होती थी |
क्यों शहर खाली है,आज भी
मेरे दिल के मंज़र से
तो कोई रोशनी कैसे
मुझे ,रोशन करेगी |
मैं ,अपनी ही बेचैनियों से
बेचैन हूँ बहुत ,
तो कैसे ,किसी की बेकरारियाँ
बेक़रार करेंगी मुझे |
कभी खींच लेता था मुझे ,
उसका ज़ज्बा-ए -दिल
पास खुद के
अब खुद में ही खाली हूँ
तो कैसे मैं ,मान लूँ कि ,
अब ,किसी भी दिलबर
का शिकार बनूँगी |
वो आए ,ना आए
अब कोई आरजू भी नहीं
अगर मिले वो कल तो 

क्या समझाएँगे वो मुझे
क्यों कि वो पल
अब कहीं गुम है ,

हम दोनों के बीच  
अब कुछ ,बाकि भी तो नहीं |
आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली हैं बिना किस दर्दे-दाग से
हाँ ! हैं जहाँ  सौ-हज़ार ,
अब वहाँ मैं भी हूँ ....
अब  वहाँ मैं भी हूँ 
उसी दर्द की छाँव तले ||

अंजु (अनु)

50 comments:

सूर्यकान्त गुप्ता said...

सुन्दर रचना ......badhaai...

Unknown said...

क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,
जिस से मेरी ही दुनिया
आबाद होती थी |

.
.
अब वहाँ मैं भी हूँ ....
अब वहाँ मैं भी हूँ
उसी दर्द की छाँव तले |बहुत सुंदर .

ANULATA RAJ NAIR said...

क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,
जिस से मेरी ही दुनिया
आबाद होती थी |
क्यों शहर खाली है,आज भी ...
आह...

सुन्दर रचना....
अनु

Ramakant Singh said...

आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली हैं बिना किस दर्दे-दाग से
हाँ ! हैं जहाँ सौ-हज़ार ,
अब वहाँ मैं भी हूँ ....
अब वहाँ मैं भी हूँ
उसी दर्द की छाँव तले ||

बड़ी गहरी बात कह दी आपने सदर नमन ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,
जिस से मेरी ही दुनिया
आबाद होती थी |
क्यों शहर खाली है,आज भी,,,,

उत्कृष्ट भावमय अभिव्यक्ति,,,,

RECENT POST LINK ...: विजयादशमी,,,

travel ufo said...

सुंदर रचना

मेरा मन पंछी सा said...

सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
:-)

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

अब कोई आरजू भी नहीं
अगर मिले वो कल तो
क्या समझाएँगे वो मुझे
क्यों कि वो पल
अब कहीं गुम है ,


बहुत सुंदर रचना
क्या बात..
सच में कभी कभी ही ऐसी रचनाएं सामने आती हैं

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हर दिल दर्द भरा है तो फिर क्या गम है .... सुंदर प्रस्तुति

Dr.NISHA MAHARANA said...

हाँ ! हैं जहाँ सौ-हज़ार ,
अब वहाँ मैं भी हूँ ....
अब वहाँ मैं भी हूँ
उसी दर्द की छाँव तले ||

bahut dardbharee abhiwayakti .... .......

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत सशक्त अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं.

रामराम.

अरुन अनन्त said...

अनु जी ये पंक्तियाँ तो ह्रदय में बस गईं . सुन्दर अति सुन्दर।
क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,
जिस से मेरी ही दुनिया
आबाद होती थी |
क्यों शहर खाली है,आज भी

रश्मि प्रभा... said...

दर्द की छांव भी तो अब कम हो रही है ...

संध्या शर्मा said...

ख्वाब सजते ही क्यों है, जब टूट जाना है ... बहुत सुन्दर रचना

Pallavi saxena said...

bhavpoorn abhivyakti ....

उड़ता पंछी said...

क्यों मुझे से वो ही पल
बार बार रूठ जाते हैं ,
जिस से मेरी ही दुनिया
आबाद होती थी |
क्यों शहर खाली है,आज भी ...
आह...


विभूति" said...

बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

मैं ऐसी पंक्‍ति‍यां नहीं सोच सकता

Anju (Anu) Chaudhary said...

काजल भाई ...जो आप सोचते हो वो हम नहीं सोच सकते :)))

रेखा श्रीवास्तव said...

हाँ ! हैं जहाँ सौ-हज़ार ,
अब वहाँ मैं भी हूँ ....
अब वहाँ मैं भी हूँ
उसी दर्द की छाँव तले |


बहुत सही बात कही है , वैसे ये इस दुनियां का उसूल है।

उपेन्द्र नाथ said...

man ki gahraeeyon se nikli behatarin rachana.....

Rewa Tibrewal said...

bahut sundar rachna.....gehri dard bhari baat...

Vaanbhatt said...

बहुत खूब...

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुंदर रचना प्रभावशाली प्रस्तुति..

નીતા કોટેચા said...

wahhhhh bahut badhiya ji..

रचना दीक्षित said...

आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली हैं बिना किस दर्दे-दाग से.

दिलसे निकले भाव और जीवन की सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत. बेहतरीन प्रस्तुति.

yashoda Agrawal said...

आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 31/10/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!

Anju (Anu) Chaudhary said...

शुक्रिया यशोदा जी

shaveta said...

bahut ache always the best

Kailash Sharma said...

आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली हैं बिना किस दर्दे-दाग से

....बहुत खूब! बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना...

pran sharma said...

MARMIK KAVITA KE LIYE BADHAAEE .

Dr. Vandana Singh said...

शानदार भावपूर्ण प्रस्तुति....शुभकामनायें

Sadhana Vaid said...

बहुत ही भावपूर्ण एवं हृदयग्राही रचना ! हर शब्द जैसे मन पर आघात सा करता रहा और आँखें नाम होती रहीं ! बहुत ही सुन्दर !

धीरेन्द्र अस्थाना said...

पीड़ा की अनुभूति को अभिव्यक्त करती हुयी रचना !

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

amazing

इमरान अंसारी said...

बहुत सुन्दर लगी पोस्ट।

Aditya Tikku said...

atulniy-****

लोकेन्द्र सिंह said...

तो मुझे क्या लुत्फ़ देंगी ,
इस ज़माने की कोई भी खुशी....
बहुत ही ऊँचे भाव के साथ शुरू हुई ये कविता... शानदार

रंजू भाटिया said...

BAHUT HI SUNDAR RACHNA .........क्यों कि वो पल
अब कहीं गुम है ,
हम दोनों के बीच SAHI BILKUL BEHTREEN

Saras said...


विरह और दर्द की हूबहू तस्वीर ...!!!

सारिका मुकेश said...

आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली हैं बिना किस दर्दे-दाग से ....

दर्द में भींगी सच्चाई को शब्द देती अच्छी प्रस्तुति....

Anita kumar said...

बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना...

Anita kumar said...

बहुत सुन्दर मर्मस्पर्शी रचना...

Asha Lata Saxena said...

बहुत ही बढ़िया रचना |
आशा

virendra sharma said...

यहाँ ..एक पल में ख्याब सजतें हैं


अगले ही पल टूट जाते हैं


तो मुझे क्या लुत्फ़ देगी ,


इस ज़माने की कोई भी खुशी


बड़ी ही कशमकश में हूँ कि


क्यों मुझ से वो ही पल

बार बार रूठ जाते हैं ,


जिस से मेरी ही दुनिया

आबाद होती थी |

अब कुछ ,बाकी भी तो नहीं |
आज ,यहाँ कौन सा दिल है जो
जो खाली है बिना किस दर्दे-दाग से

अपने ही अंदाज़ की बढ़िया रचना .दोबारा पढ़ी और भी अच्छी लगी .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सशक्त अभिव्यक्ति,

RECENT POST LINK...: खता,,,

Dr.Anita Kapoor said...

बहुत सुंदर रचना.....बधाई

Amrita Tanmay said...

भाव-विभोर करती रचना .

Dr. sandhya tiwari said...

बहुत सुन्दर...

Madan Mohan Saxena said...

बहुत अद्भुत अहसास...सुन्दर प्रस्तुति .पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब,बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये. मधुर भाव लिये भावुक करती रचना,,,,,,