Friday, January 11, 2013

हुन धीयां दी लोहड़ी मनाइए




लोहड़ी  मनाने के साथ कोई पौराणिक परंपरा नहीं जुड़ी हुई है,पर इस से जुड़ी प्रमुख लोककथा दुल्ला भट्टी की है जो मुगलों के समय का बहादुर योद्धा था |कहा जाता हा कि एक ब्राह्मण की दो लड़कियों सुंदरी और मुंदरी के साथ इलाके का मुग़ल शासक जबरन शादी करना चाहता था,पर उन दोनों की सगाई कहीं ओर हुई थी लेकिन  उस मुग़ल शासक के डर से उनके भावी ससुराल वाले शादी के लिए तैयार नहीं थे |
 इस मुसीबत की घड़ी में दुल्ला भट्टी ने ब्राह्मण की मदद की और लड़के वालो को मना कर एक जंगल में आग जला कर सुंदरी और मुंदरी का ब्याह करवाया, दुल्ले ने खुद ही उन दोनों का कन्यादान किया और शगुन के रूप में उनको शक्कर दी थी और इसी कथा को लोहड़ी वाले दिन गीत के रूप में अब तक गया जाता है

सुंदर मुन्दरिय हो,
तेरा कौन विचार-,
दुल्ली भट्टी वाला-हो,
दुल्ले ने धी ब्याही-हो,
सेर शक्कर पाई-हो,
कुडी डे बोझे पाई-हो,
कुडी डा लाल पटारा-हो,
कुडी का शालू पाटा-हो,
शालू कौन समेटे-हो,
चाचा गाली देसे-हो,
चाचे चूरी कुट्टी-हो,
जिमींदार लुट्टी-हो,
जिमींदार  सदा-हो,
गिन-गिन पोले लाओ-हो,
इक पोला घस गया,
जिमींदार वहुटी लै के नस्स गया
हो-हो-हो-हो-हो-हो-हो-हो||

जब ये लोककथा दो लड़कियों के ऊपर बनी है तो फिर कैसे ये लोहड़ी की प्रथा है जो सिर्फ लड़को के जन्म और शादी की खुशी में मनाई जाने लगी है ?क्यों अब हर वक्त लड़को के जन्म के वक्त खुशी मनाई जाती है ?
क्यों  ...रिश्तों की मधुरता एवं प्रेम का प्रतीक लोहड़ी का त्यौहार लड़के के जन्म की खुशी व्यक्त करने के लिए अब तक मनाया जा रहा है, लेकिन अब रूढ़िवादी लोगों में लड़का-लड़की के अंतर को खत्म करने के लिए लड़कियों की लोहड़ी भी बनाई जानी चहिए, तभी ये लकड़े-लड़की के भेद-भाव को खत्म किया जा सकता है |
दिल्ली के FM और हर जगह इस बात को बड़े ज़ोर-शोर  और इस नए संकल्प के साथ कि लड़के और लड़की में कोई भेद नहीं है इस नचदी गांदी लोहड़ी नू, सब नाल मिल के धूम-धाम नाल  हुन धीयां*दी लोहड़ी मनाइए||(धीयां ....बेटी )

लोहड़ी और मकर सक्रांति का ये पर्व आप सबके लिए मंगलमय हो (साभार ..गूगल एवं पंजाब केसरी )


45 comments:

Unknown said...

sundar prastuti,subh shankranti subh lohidi इस नचदी गांदी लोहड़ी नू, सब नाल मिल के धूम-धाम नाल हुन धीयां*दी लोहड़ी मनाइए||

Niraj Pal said...

Sundar!!! Jankari ke liye bhi aabhaar!!! Happy Lohidi...

रंजू भाटिया said...

लोहड़ी और मकर सक्रांति का ये पर्व आप सबके लिए मंगलमय हो ..सही कहा आपने अंजू ...

बाल भवन जबलपुर said...

swagat hai

सदा said...

इस नचदी गांदी लोहड़ी नू, सब नाल मिल के धूम-धाम नाल हुन धीयां*दी लोहड़ी मनाइए||
इस लोहड़ी पर यह शुभ विचार हर मन के अंतस पर छा जाये ...
शुभकामनायें ...

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर जानकारी...लड़कियों के लिए लोहड़ी मनाने का सुझाव बहुत उचित और सुन्दर है..

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर जानकारी...लड़कियों के लिए लोहड़ी मनाने का सुझाव बहुत उचित और सुन्दर है..

रश्मि प्रभा... said...

इसे अपने दोनों के लिए मनाएं - शुभकामनायें

sonal said...

शुभकामनायें

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बिलकुल सही .... हर वो त्योहार जो केवल लड़के होने की खुशी में मनाया जाता है वो लड़की के लिए भी मनाना चाहिए .... बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं करना चाहिए ... उत्तम सुझाव ।

संध्या शर्मा said...

बहुत अच्छे सुझाव और विचार के साथ सुन्दर पोस्ट... हमारी ओर से भी सबको लोहड़ी की बहुत-बहुत बधाई....

shikha varshney said...

हमारी परम्पराएँ बनी कुछ और थीं , अब हो कुछ और गईं हैं,
सुन्दर प्रस्तुति.

Anju (Anu) Chaudhary said...

इक दम सही कहा शिखा ...वक्त के साथ साथ सब कुछ बदल गया है

इमरान अंसारी said...

सुन्दर.....लोहड़ी की शुभकामनायें।

ताऊ रामपुरिया said...

सही बात कही आपने. शायद समय के साथ सुविधानुसार सामाजिक परंपराओं में बदलाव कर लिया गया. पर आज तो समय का तकाजा यही है कि लडकियों के लिये उत्सव मनाने की ज्यादा जरूरत है. और ये करना ही पडेगा क्योंकि यह फ़िर एक अहम तकाजा है. लोहडी की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

BS Pabla said...

ये पर्व मंगलमय हो

कविता रावत said...


लोहड़ी और मकर सक्रांति की बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...
लोहड़ी और मकर सक्रांति पर्व की आपको भी हार्दिक शुभकामनायें।।

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत अच्छी जानकारी ...
लोहड़ी की शुभकामनाएं.....
:-)

Arvind kumar said...

काश हम सब ये जल्दी ही समझ जाएँ।
अच्छी पोस्ट

Satish Saxena said...

आपको भी सपरिवार मंगलकामनाएं !

kumar zahid said...

धन्यवाद!
जो आपने लोहड़ी मनाने के कारण और किस्से के मानी बताए...
अभी दो दिनों में मुझे एक लड़के की लोहड़ी में शामिल होना है..
अब मुतमइन होकर मैं उस कार्यक्रम में शामिल हो सकूंगा..

ब्लॉग बुलेटिन said...

जय जवान जय किसान जय हिन्द - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Rohit Singh said...

हर त्यौहार जिस भी वजह से शुरु हुआ था उसका मतलब अब बदल गया है। या कहें कि लोगो को याद ही नहीं रहा कि त्यौहार क्यों बनाया जाता है। जरुरी है कि लड़की औऱ लड़के

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

मकर सक्रांति पर्व आप सबके लिए मंगलकारी हो,,,,

recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...

Asha Lata Saxena said...

लोहड़ी की कहानी बहुत अच्छी लगी |आपको सपरिवार इस पर्व पर शुभ कामनाएं |
आशा

vandana gupta said...

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार (12-1-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार वंदना

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार ...ब्लॉग बुलेटिन

Anju (Anu) Chaudhary said...

ताऊ जी ..सहमत हूँ ...अब बदलाव की जरुरत भी है

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

सच में धुआंधार..
दो दिन पहले कम से कम ब्लाग पर तो लोहडी मन ही गई। बहुत बढिया..

Anju (Anu) Chaudhary said...

इस बार की ये लोहड़ी बेटियों को समर्पित है महेंद्र जी

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
♥सादर वंदे मातरम् !♥
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इस नचदी गांदी लोहड़ी नू,
सब नाल मिल के धूम-धाम नाल
हुन धीयां दी लोहड़ी मनाइए

:)

आदरणीया अंजु अनु जी
अब सचमुच वह समय आ गया है , जब कहीं किसी बात में
बेटे और बेटी में कोई भेद हरगिज नहीं होना चाहिए ।

मेरे आसपास कोई पंजाबी परिवार न होने के कारण पंजाबी संस्कृति को देखने-समझने का कोई
अवसर नहीं मिलता ...
आपकी पोस्ट मेरे लिए बहुत बड़ा उपहार है , आभार !


हार्दिक मंगलकामनाएं …
लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !

राजेन्द्र स्वर्णकार
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Anju (Anu) Chaudhary said...

राजेंद्र जी ...आपको जो भी जानकारी लेनी हो ...मैं आपको दूंगी ..आप बेझिझक बातचीत करके पूछ सकते है ..मुझे भी अच्छा लगेगा...वैसे अब से में ये ध्यान रखूंगी कि हर पंजाबी त्यौहार की जानकारी आप सब तक पहुंचाती रहूँ ..सादर

रचना दीक्षित said...

लोहड़ी, मकर संक्रांति और माघ बिहू की शुभकामनायें.

दिगम्बर नासवा said...

लोहड़ी ओर मकर संक्रांति की बहुत बहुत बधाई ...
लाजवाब जानकारी ...

ANULATA RAJ NAIR said...

प्यारी पोस्ट अंजू....
ढेर सारी शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को....
मीठा खाएं....जीवन में मिठास लायें :-)
सस्नेह
अनु

तिलक राज कपूर said...

अंजू जी लोहड़ी की सपरिवार बधाई।
मैं तो बचपन से 'सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो' सुनता आ रहा हूँ लेकिन इसकी यह पृष्‍ठभूमि ज्ञात नहीं थी।
सपरिवार आभारी हूँ इस ज्ञानवर्धन के लिये।

kavita verma said...

lohadi aur makarsankranti parv ki bahut bahut shubhkamnayen...

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

ਚੰਗਾ ਖਯਾਲ, ਕਰੀਏ ਧਮਾਲ!
ਹੁਣ ਧਿਯਾਂ ਦੀ ਲੋਹੜੀ ਮਨਾਈਏ!

--
थर्टीन रेज़ोल्युशंस

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...



आदरणीया
हार्दिक आभार !


अवश्य ...
शुभकामनाओं सहित…

Rajendra kumar said...

लोहड़ी की कथा जानकर ज्ञानवर्धन हुआ। इसके गीत भी बहुत सुंदर है।
भूली-बिसरी यादें
वेब मीडिया

शिवनाथ कुमार said...

आपका कहना बिल्कुल सही है ....
साभार !

Aditya Tikku said...

kuch naya padh ke acha laga

Madan Mohan Saxena said...

लोहड़ी की कथा जानकर ज्ञानवर्धन हुआ। इसके गीत भी बहुत सुंदर है।
प्यारी पोस्ट ढेर सारी शुभकामनाएं आपको और आपके पूरे परिवार को....

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

बहुत बहुत बधाई...