Thursday, December 22, 2011
मेरा भी एक कोना है ...
मेरा भी एक कोना हैं ....
यहाँ एक कोना मेरा भी हैं
टिक टिक के शोर में ,
धक-धक के जोर में ,
जब आप आएँगे ,
अनमने से मुस्करायेंगे,
फिर एक कोने में दुबकी-सी ,
सुबकी-सी सिमटी-सी ,
को आप सबके बीच ही पाएंगे |
मोनित सी रहती हूँ
ये अब आदत सी हो गई है
इस बिखरी सी दुनियां में
खुद में सिमटी सी रहती हूँ
ऐसे में चुपचाप सुनती हूँ हर धड़कन ,
उस वक़्त की एक लड़ी बन जाती हूँ
और सब के बीच पसर जाती हूँ |
सिमटे से आँचल पर ,
बदली सी छा गई है
समय की चाल पर
जो हर दिन एक
नई कहानी सुनाती हैं ..
हँसना कम..यहाँ ज्यादा रोना हैं,
इस अजीब से आलम में,
ऐसा भी होना हैं
सिमटी-सी सीमा में ,
खामोशी के रंग में संवरा सलोना हैं ,
मेरा भी एक कोना है ||
अनु
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27 comments:
"मेरा भी एक कोना है" ....मन का पन्नों पर...लेखनी में भावों की रौशनी भर रंगोली उतार दी है दीदी आपने...ऐसे ही और अच्छा लिखते चलिए..
सादर
लेकिन हंसना रोने से ज़्यादा होना चाहिये
this is so very beautiful creation anu jee
aapka khubsurat kona hai, aur sayad har ka hota hai:)...
isss kone me ham khushiyon ka guldastha bhej dete hain........ kaisa rahega dost:)hahahah1!
bahut badiya he shabd monit ka matlab moun he kuya anu ji acchi kavita he aapki shandar
भीड़ हो सन्नाटा हो- मिल जाते हैं एहसास , जैसे आप !
आपकी कविता में संवेदना की असीमित गहराई होती है !
आभार !
khubsusat ahsas, gahare bhav
lajawab rachana....
अपने अहसास महसूस करने के लिए ....ऐसे कोने की ही जरूरत होती है ..? सोचों को दर्शाती सुंदर रचना |
बधाई|
us kaune mein kaun kaun hai ye bhee bataanaa hai kyon apno se ye raaz chhupaanaa hai
वाह ...बहुत ही बढि़या।
बेहतरीन।
सादर
मन के भावों को शब्दों की लड़ी मे पिरोना है खासियत आपकी……सुंदर रचना। बधाई व आभार!
Anu ji bahut sunder rachna
sidhe dil par dastak deti hai
Bahut Aabhaar..!
होना भी चाहिये एक कोना अपने लिये।
ह्रदय में दस्तक देती खुबशुरत रचना,....
"काव्यान्जलि" मे click करे
बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर ...
सादर
बेहतरीन भाव ... बहुत सुंदर रचना.....
कोना जो बीच में है ... सुन्दर!
मेरा भी एक कोना है....
बहुत सुन्दर....
सादर.
खुद का कोना होना भी ज़रुरी है .. सुन्दर भाव ..
खुद का कोना होना भी ज़रुरी है .. सुन्दर भाव ..
भई बहुत सुन्दर प्रस्तुति वाह!
सुंदर सार्थक सटीक रचना ....
नई पोस्ट--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--में click करे.
कोमल एहसास दर्शाती हुई सुन्दर रचना !
सुन्दर परिपक्व रचना, शायद सभी के दिलों की बात कह रही है.
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