Wednesday, June 19, 2013

विलीन







धरती के ऊपर नल है
उसमें आता जल है
जल को निहारने को
प्यासी ये धरती आई
पर बिखर गई
उस दर्रे की गूंज से
और फूट पड़ा जल का दरिया 
चारों ओर
तबाही का मंज़र
दिखाने को ||

पवित्र धरती पवित्र पानी
फिर क्यों है इसकी
अजीब कहानी
मानो तो अमृत की धारा
नहीं तो
जीवन का अंतिम कहानी |

धरती के ऊपर नल है
उसमे आता जल है
जो ले डूबा इस बार
ना जाने कितनी ही जिंदगानी
बन कर महाकाल
पथराए कानन ने
चट्टानों का सीना भी
छलनी किया |
थी यहीं एक बस्ती
थे कुछ मकान
और पुल, कल तक
पर आज
जो भूमि और पत्थरों का स्पर्श
करते हुए
ना जाने कहाँ ढह गए| 


तडपता हुआ इंसान ना जाने
किस मिट्टी में विलीन हो गया ||

अंजु(अनु)

51 comments:

Unknown said...

marmik rachana. jo rakshak hai vahi bhakshak ban gaya.

दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी यह प्रस्तुती कल के चर्चा मंच पर है
धन्यवाद

Unknown said...

हृदयस्पर्शी रचना!

Unknown said...

हृदयस्पर्शी रचना!

ashokkhachar56@gmail.com said...

सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति

Pallavi saxena said...

ईश्वर उन सबकी आत्मा को शांति प्रदान करे...सच को ब्यान करती सार्थक एवं मार्मिक रचना।

मृत्युंजय श्रीवास्तव said...

dil ko chhu gayi aapki kavita.

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत उम्दा,सार्थक अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,

RECENT POST : तड़प,

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत कोमल और मन को छू जाने वाली रचना.....

सस्नेह
अनु

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

प्रकृति का कहर ऐसे ही होता है .... मर्मस्पर्शी रचना

Ramakant Singh said...

तडपता हुआ इंसान ना जाने
किस मिट्टी में विलीन हो गया ||

किया धरा तो हमारा ही है अब छोभ किस बात का

Dr.NISHA MAHARANA said...

bahut hi dukhad hua jo bhi hua ....marmik prastuti ...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

दुखद

Maheshwari kaneri said...

Sarathak rachana

Guzarish said...

मार्मिक प्रस्तुति
ईश्वर के आगे किसी का बस नहीं

पूरण खण्डेलवाल said...

मार्मिक रचना !!

तिलक राज कपूर said...

आपकी इस हृदयस्पर्शी रचना के प्रति नमन!

Rewa Tibrewal said...

marmil rachna didi....humne hi tho prakriti ko badhya kiya hai aisa karne ko

Sadhana Vaid said...

दर्दनाक हादसा ! सार्थक प्रस्तुति !

रेखा श्रीवास्तव said...

isa haadase se ham kitne jeevan kahan kho gaye nahin janate hain . ishvar unhen jahan bhi ho apanon se mila de .

Aruna Kapoor said...

...जल जो जीवन दाता है; कभी कभी जीवन को लील लेने वाले प्रकोप में भी परिवर्तित हो जाता है...कुदरत है!...बहुत मर्मस्पर्शी रचना!

रश्मि शर्मा said...

दुखद मगर सार्थक रचना..

दिगम्बर नासवा said...

सच कहा है आपने ... पर सच में क्या ये जल का कसूर है ... क्या इंसानी भूख ने नहीं इस धरती, जल प्राकृति को मजबूर कर दिया है आज ...

kavita verma said...

jeevan dene vala jal hi jeevan leel gaya .dukhad ..magar marmik rachna .

संजय भास्‍कर said...

सच को ब्यान करती सार्थक एवं मार्मिक रचना।

अरुणा said...

मार्मिक रचना !!

डॉ. जेन्नी शबनम said...

कारुणिक घटना पर मार्मिक रचना...

Rajput said...

बहुत कुछ सोचने पे विवश करती सार्थक रचना

Kailash Sharma said...

बहुत मार्मिक प्रस्तुति...

Unknown said...

दुखद

suresh swapnil said...

वस्तुत: मार्मिक रचना।....

रचना दीक्षित said...

प्रकृति भी अपना रोद्र रूप कभी कभी दिखा ही देती है.

मार्मिक प्रस्तुति.

अज़ीज़ जौनपुरी said...

बेहतरीन ,सटीक और सार्थक प्रस्तुति ,बहुत सुन्दर रचना

Anonymous said...

बहुत सुन्‍दर रचना

nayee dunia said...

बिल्कुल सही कहा आपने

अज़ीज़ जौनपुरी said...

हृदयस्पर्शी एवं मार्मिक रचना!

Aditya Tikku said...

only i can say - excellent-****

Madan Mohan Saxena said...


वाह.सुन्दर प्रभावशाली ,भावपूर्ण ,बहुत बहुत बधाई...

संजय भास्‍कर said...

मार्मिक रचना बिल्कुल सही कहा आपने

Satish Saxena said...

आज सब दब गए , इस दर्द के, पहाड़ तले
अब तो लगता है,रोते, उम्र गुज़र जायेगी !

Alpana Verma said...

मर्मस्पर्शी रचना.

Mohan Srivastav poet said...

wakai me bahut sundar w dil ko choo lene wali rachana hai.meri hardik shubhakamanaye,

Suman said...

सार्थक अभिव्यक्ति ....

Rajput said...

मार्मिक रचना.

Unknown said...

आज सब दब गए , इस दर्द के, पहाड़ तले
अब तो लगता है,रोते, उम्र गुज़र जायेगी !

वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |

Naveen Mani Tripathi said...

bahut hi marmik rachana likhi hai apne samvednaon ko jhankrit kr gyee .

हरकीरत ' हीर' said...

मर्मस्पर्शी रचना.....

Darshan jangra said...

सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति

Anonymous said...

सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति

sagar said...

मार्मिक रचना , बहुत सुंदर
यहाँ भी पधारे ,

हसरते नादानी में

http://sagarlamhe.blogspot.in/2013/07/blog-post.html

वीना श्रीवास्तव said...

मार्मिक रचना...बहुत ह्रदय विदारक रचना...