धरती के ऊपर नल है
उसमें आता जल है
जल को निहारने को
प्यासी ये धरती आई
पर बिखर गई
उस दर्रे की गूंज से
और फूट पड़ा जल का दरिया
चारों ओर
तबाही का मंज़र
दिखाने को ||
पवित्र धरती पवित्र पानी
फिर क्यों है इसकी
अजीब कहानी
मानो तो अमृत की धारा
नहीं तो
जीवन का अंतिम कहानी |
धरती के ऊपर नल है
उसमे आता जल है
जो ले डूबा इस बार
ना जाने कितनी ही जिंदगानी
बन कर महाकाल
पथराए कानन ने
चट्टानों का सीना भी
छलनी किया |
थी यहीं एक बस्ती
थे कुछ मकान
और पुल, कल तक
पर आज
जो भूमि और पत्थरों का स्पर्श
करते हुए
ना जाने कहाँ ढह गए|
तडपता हुआ इंसान ना जाने
किस मिट्टी में विलीन हो गया ||
अंजु(अनु)
51 comments:
marmik rachana. jo rakshak hai vahi bhakshak ban gaya.
आपकी यह प्रस्तुती कल के चर्चा मंच पर है
धन्यवाद
हृदयस्पर्शी रचना!
हृदयस्पर्शी रचना!
सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति
ईश्वर उन सबकी आत्मा को शांति प्रदान करे...सच को ब्यान करती सार्थक एवं मार्मिक रचना।
dil ko chhu gayi aapki kavita.
बहुत उम्दा,सार्थक अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
RECENT POST : तड़प,
बहुत कोमल और मन को छू जाने वाली रचना.....
सस्नेह
अनु
प्रकृति का कहर ऐसे ही होता है .... मर्मस्पर्शी रचना
तडपता हुआ इंसान ना जाने
किस मिट्टी में विलीन हो गया ||
किया धरा तो हमारा ही है अब छोभ किस बात का
bahut hi dukhad hua jo bhi hua ....marmik prastuti ...
दुखद
Sarathak rachana
मार्मिक प्रस्तुति
ईश्वर के आगे किसी का बस नहीं
मार्मिक रचना !!
आपकी इस हृदयस्पर्शी रचना के प्रति नमन!
marmil rachna didi....humne hi tho prakriti ko badhya kiya hai aisa karne ko
दर्दनाक हादसा ! सार्थक प्रस्तुति !
isa haadase se ham kitne jeevan kahan kho gaye nahin janate hain . ishvar unhen jahan bhi ho apanon se mila de .
...जल जो जीवन दाता है; कभी कभी जीवन को लील लेने वाले प्रकोप में भी परिवर्तित हो जाता है...कुदरत है!...बहुत मर्मस्पर्शी रचना!
दुखद मगर सार्थक रचना..
सच कहा है आपने ... पर सच में क्या ये जल का कसूर है ... क्या इंसानी भूख ने नहीं इस धरती, जल प्राकृति को मजबूर कर दिया है आज ...
jeevan dene vala jal hi jeevan leel gaya .dukhad ..magar marmik rachna .
सच को ब्यान करती सार्थक एवं मार्मिक रचना।
मार्मिक रचना !!
कारुणिक घटना पर मार्मिक रचना...
बहुत कुछ सोचने पे विवश करती सार्थक रचना
बहुत मार्मिक प्रस्तुति...
दुखद
वस्तुत: मार्मिक रचना।....
प्रकृति भी अपना रोद्र रूप कभी कभी दिखा ही देती है.
मार्मिक प्रस्तुति.
बेहतरीन ,सटीक और सार्थक प्रस्तुति ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत सुन्दर रचना
बिल्कुल सही कहा आपने
हृदयस्पर्शी एवं मार्मिक रचना!
only i can say - excellent-****
वाह.सुन्दर प्रभावशाली ,भावपूर्ण ,बहुत बहुत बधाई...
मार्मिक रचना बिल्कुल सही कहा आपने
आज सब दब गए , इस दर्द के, पहाड़ तले
अब तो लगता है,रोते, उम्र गुज़र जायेगी !
मर्मस्पर्शी रचना.
wakai me bahut sundar w dil ko choo lene wali rachana hai.meri hardik shubhakamanaye,
सार्थक अभिव्यक्ति ....
मार्मिक रचना.
आज सब दब गए , इस दर्द के, पहाड़ तले
अब तो लगता है,रोते, उम्र गुज़र जायेगी !
वाह . बहुत उम्दा,सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
bahut hi marmik rachana likhi hai apne samvednaon ko jhankrit kr gyee .
मर्मस्पर्शी रचना.....
सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति
सुन्दर - सार्थक अभिव्यक्ति
मार्मिक रचना , बहुत सुंदर
यहाँ भी पधारे ,
हसरते नादानी में
http://sagarlamhe.blogspot.in/2013/07/blog-post.html
मार्मिक रचना...बहुत ह्रदय विदारक रचना...
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