Tuesday, August 27, 2013

प्रेम और जुदाई (एक कृष्ण लीला ...उस लीलाधारी की)



 राधा  और कृष्ण का प्रेम ...जहाँ एक ओर राधा अपने प्रेम भावनाओं में बह रही है ...अपने मन के भाव को कृष्ण के साथ बाँट रही है...वहीँ दूसरी ओर वो अपने मन और कृष्ण को ये समझाने में असमर्थ है कि वो उनके जाने पर कितनी दुखी है ...प्रेम और जुदाई के भाव को लेकर लिखी गई रचना .......
 

मंद मंद समीर की
सूर्योदय बेला में
शीतल स्पर्श से तुम्हारे
पुलकित है मन मेरा |

उमस भरी रजनी की
अलसायी आँखों में
सुरभित झोंकों से
गुंजित है 
बांसुरी वादन तुम्हार |

वायु के मृदु अंक में
खिली हर कली कली
मधुर संगीत की धुन पर
भ्रमर, ये अंग अंग मेरा |

खुले आकाश तले
तुम्हारी ,हथेलियों पर रख कर
शीश अपना
झूमती हूँ मैं,पल पल  ||

******************************
*********
 

कैसे कहूँ अब तुम से 
जाने से तुम्हारे ,विचलित हूँ
झुलस जाऊँगी ,विरह में तुम्हारे

कुछ किरण ,कुछ धूप 
कुछ पकड़ में आने लायक
तुम्हारा ये छलिया रूप
कुछ मंद,कुछ तेज
यह संगम किसको समझाऊँ  मैं
तुम्हारे प्रेम की अग्नि में
तप गई ये प्रेम दीवानी
किसको अब दिखलाऊँ मैं
भस्म हुई फिरती हूँ ,

कैसे तुम्हें समझाऊँ मैं
हे प्रभु ! क्यों इतना स्नेह बरसाते हो
कि मन भ्रमित हो जाता है और
फिर,रिमझिम नैना बरसते हैं |

माना,मैंने
एक दृष्टि तुम्हारी
सारी पीड़ा हर लेती है
क्यों अब इन नैंनो को
उम्र भर...राह तकने की
सज़ा दिए जाते हो
जितनी भीगी प्रेम में तुम्हारी
उतनी ही अब अपनी प्यास दिए जाते हो
होठों पर कैसे लाऊँ 
करुण पुकार मैं अपनी
उम्र भर का इंतज़ार,तुम्हारा
क्यों मुझे दिए जाते हो
कैसे बतलाऊँ तुम्हें ,
न दिन,न रात 
हे!केशव 
साँझ की बेला में घटी ये बात
तुम्हारी ये निशब्द सी लीला

और अब उम्र भर का 
वियोग तुम्हारा
मुझे असहनीय पीड़ा दिए जाता है
 
मुझे  असहनीय पीड़ा दिए जाता है ||

अंजु (अनु)

48 comments:

वसुन्धरा पाण्डेय said...

उफ्फ्फ...मुझे ना रुलाओ सखी...
मैं तो बावरी श्याम की...

अति सुन्दर .....एक एक शब्द मनभावन !!

Anju (Anu) Chaudhary said...

शुक्रिया वसुंधरा

Unknown said...

अनमोल/अनुपम प्रेम में सम्पूर्ण जज़्बात से लबरेज़
आपके हर शब्द बेहद उत्कृष्ट हैं।
राधा-संग-कृष्ण या गोपी-संग-कृष्ण का जितना वर्णन जाए कम है।
दोनों रचनाएँ आपकी बेहद ख़ूबसूरत हैं, बधाई है।
साथ ही जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

Manjusha negi said...

तुम्हारे प्रेम की अग्नि में
तप गई ये प्रेम दीवानी....बेहद सुंदर...

ANULATA RAJ NAIR said...

अहा!!!
बहुत सुन्दर...बहुत कोमल...

सस्नेह
अनु

Dr ajay yadav said...

अदभुत !अनन्य प्रेम ...भाव |
हे प्रभु ! क्यों इतना स्नेह बरसाते हो
कि मन भ्रमित हो जाता है और
फिर,रिमझिम नैना बरसते हैं |.....
******
latestpost“लीजिए !कलम आपके हाथ में हैं....”

Ranjana verma said...

प्रेम के रस में भीगा भावयुक्त रचना..... बहुत सुंदर...

मेरा मन पंछी सा said...

राधा की पीढ़ा दर्शाती बहुत ही कोमल भावपूर्ण रचना...
जय श्री कृष्णा.....

Maheshwari kaneri said...

बहुत सुन्दर..्कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें

Sadhana Vaid said...

कृष्ण प्रेम में पगी अनुपम, अनूठी एवँ अद्वितीय अभिव्यक्ति ! हर शब्द हृदय को तरल सा करता जाता है ! बहुत ही सुंदर रचना ! कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें !

vijay kumar sappatti said...

badhayi ho ji . jai shree krishna

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर और कोमल भावमय रचना.

जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

अज़ीज़ जौनपुरी said...

Behatareen

अज़ीज़ जौनपुरी said...

ख़ूबसूरत रचना

Rewa Tibrewal said...

ohh didi bahut sundar komal rachan......janamashtami ki apko dhero shubhkamnayein

Dr. Shorya said...

बहुत सुंदर और प्यारा एहसाश कराती रचना

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत सुंदर मनोहारी रचना,,,

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें

RECENT POST : पाँच( दोहे )

हरीश जयपाल माली said...

कृष्णमय हर 'शब्द'... राधामय है 'भाव'...
जन्माष्टमी की शुभ शुभकामनाएं जय श्री राधे कृष्ण

ashokkhachar56@gmail.com said...

अति सुन्दर .....एक एक शब्द मनभावन !!

Dr.NISHA MAHARANA said...

bahut accha .....radha ke peeda ko darshati rachna ....

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




_/\_
जयश्री कृष्ण !
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !
✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿



nayee dunia said...

बहुत सुन्दर प्रेम और विरह की व्यथा

विभा रानी श्रीवास्तव said...

बहुत सुन्दर....
एक एक शब्द मनभावन ....
कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें ....

ब्लॉग बुलेटिन said...

पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम की ओर से आप सभी को श्री कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ !
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन कृष्ण जन्म सबकी अंतरात्मा में हो मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...



खुले आकाश तले
तुम्हारी ,हथेलियों पर रख कर
शीश अपना
झूमती हूँ मैं,पल पल

वाह वाह !

सुंदर प्रेम-पगी रचना के लिए साधुवाद

Rajendra kumar said...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार सरिता जी

Anju (Anu) Chaudhary said...

आपका आभार

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार शास्त्री जी

Anju (Anu) Chaudhary said...

राजेंद्र भाई जी ..आपकी हर टिप्पणी के लिए आभार

मुकेश कुमार सिन्हा said...

behad manbhavan
krishna janmashtami ki shubhkamnayen..:)

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

यह विरह भी शाश्वत है राधा और कृष्ण का .... बहुत सुंदर रचना ... पढ़ते पढ़ते मन राधा हो गया ।

Anju (Anu) Chaudhary said...

आभार संगीता दी

Madan Mohan Saxena said...

बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति..श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!

Pallavi saxena said...

वाह अनुपम भाव संयोजन और राधा कृष्ण के प्रेम से सजी बहुत ही सुंदर रचना श्री कृष्ण जन्म अष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें।

दिगम्बर नासवा said...

राधा कृष्ण के प्रेम के अमरत्व को प्राप्त करती है ये अध्बुध प्रेम रचना ...
कभी कही लगता है कृष्ण होना नहीं बल्कि राष हो जाना ही सार्थक है ... अमर है .. शाश्वत है ...
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें ...

kavita verma said...

anany prem se virah vyakulta tak sundar abhivyakti ..

Mahesh Barmate "Maahi" said...

बहुत सुंदर :)

Kailash Sharma said...

प्रेम के अहसास की अद्भुत रचना...

Darshan jangra said...

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर !

Unknown said...

उम्दा रचना

annapurna said...

बहुत सुंदर भावों की अभिव्यक्ति , हार्दिक बधाई ।

अरुण चन्द्र रॉय said...

कृष्णमय करती रचना

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बढिया,बहुत सुंदर

Meena Pathak said...

अद्भुत रचना हार्दिक बधाई ।

रजनीश तिवारी said...

बहुत सुंदर कृष्णमयी रचना ...

राजीव कुमार झा said...

हे!केशव
साँझ की बेला में घटी ये बात
तुम्हारी ये निशब्द सी लीला
और अब उम्र भर का
वियोग तुम्हारा
मुझे असहनीय पीड़ा दिए जाता है
अति सुन्दर .

Satish Saxena said...

भाव पूर्ण रचना ..