Friday, June 8, 2012

हम भी चलो लगाएँ पेड़ .......



हम भी चलो लगाएँ पेड़ .......


लगते हैं हमको अति प्यारे
हरे भरे ये सुन्दर पेड़
हरित वसन ये धरती माँ के
अनुपम पर उपकारी पेड़ |
धूप ओढ़ लेते हैं सिर पर
दूषित वायु स्वयं पी लेते
प्राण वायु देते हैं पेड़ |
औषधियों ,फल-फूल दे रहे
पर हमसे कुछ ना लेते पेड़
खड़े हुए हैं छाता ताने
पथ का श्रम हर लेते पेड़
स्वयं खड़े रहते जीवन भर
हम को कुर्सी देते पेड़
आंधी ,पानी ...सर्दी -गर्मी
करते सहन पल पल ये
प्यास बुझाने को धरती की
काले काले मेघ बुलाते ये पेड़
बड़े प्यार से हम को
सावन में झूला झुलाते ये पेड़
हम स्वार्थी निर्दयी हाथों से
कभी ना कटने देंगे पेड़
चलो बने हम भी ,पर उपकारी
हम भी लगायें खूब पेड़ ||

30 comments:

nayee dunia said...

bahut sundar ,chalo ham bhi ped lagayen ......

nayee dunia said...

bahut sundar ....chalo ham bhi kam se kam ek ped to lagayen ...

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

चलो बने हम भी ,पर उपकारी
हम भी लगायें खूब पेड़ ||

बहुत सुंदर रचना,,,,,,

RESENT POST,,,,,फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,

केवल राम said...

आपके इस अभियान में हम भी शामिल हैं ...!

अशोक सलूजा said...

सार्थक सन्देश ....
हम सब साथ-साथ हैं ...
शुभकामनाएँ!

amit kumar srivastava said...

अवश्य लगाएं वृक्ष , हम आपके संग हैं |

Shekhar Suman said...

चलिए पेड़ लगाते रहे....
धरती को सुन्दर बनाते रहे....
आपके अभियान का स्वागत है....
++++++++++++++++++++++
माफ़ करो इन्हें, ये तो इनके पढने-खेलने के दिन हैं.....

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर
हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए
शुभकामनाएं

Anupama Tripathi said...

bahut sundar bhaav ...
sundar rachna ...

Anonymous said...

आपकी कविता पढकर Nature की खूबसूरती क्या है यह पता चल रहा है

Hindi Dunia Blog (New Blog)

रश्मि प्रभा... said...

पेड़ - एक रोपण और सिंचन पाकर देता है - छाँव , औक्सीजन , सौन्दर्य , फल , ......... तो चलते हैं न एक पेड़ लगाने

Maheshwari kaneri said...

सुन्दर सार्थक रचना....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

खूबसूरत विचार के साथ सुन्दर प्रस्तुति

vandana gupta said...

बहुत सुन्दर आह्वान

poonam said...

bahut sunder vichar

प्रेम सरोवर said...

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

Manoranjan Manu Shrivastav said...

धरती बहुत सहनशील है. तो वृक्ष भी कम सहन शील नहीं हैं. हम इन्सान इतने अह्शन फरामोश हैं की बस अपने स्वार्थ की सोचते हैं. और इसमें सबसे आसन काम लगता है तो वो ये की वृक्षों को काट डालना. ये हम भूल जाते हैं .. हमारी औकात वृक्षों के बदौलत है. मेरा मानना है की इंसान को अपने जीवन में दो वृक्ष जरुर लगाने चाहिए. शहरी बाबु लोग ये कह सकते हैं की कहाँ लगायें. पर मुझे विश्वास है की उनकी जड़ें भी कहीं कहीं किसी गावं से जुडी होती हैं. तो जब भी अपने गावं जाएँ तो वृक्ष जरुर लगाये. खुद के लिए लगायें आखिर हम स्वार्थी जो हैं.
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मेरे ब्लॉग पे आएगा
आज भारत बंद है
प्रगतिशील सरकार की पहचान !

Udan Tashtari said...

अच्छी रचना...उत्तम संदेश!!

संजय भास्‍कर said...

सार्थक सन्देश ....अंजू जी

babanpandey said...

सुदर और सहज कविता अंजू जी ....
पेड़ पर ही आधारित मेरी भी एक कविता पढ़े //

http://babanpandey.blogspot.in/2012/06/blog-post.html

Dr. sandhya tiwari said...

बहुत सुन्दर रचना .........

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

सुंदर , प्रेरक कविता

Kailash Sharma said...

सार्थक संदेश देती बहुत सुन्दर रचना...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

☺☺☺ स्‍वस्‍थ बात

पूनम श्रीवास्तव said...

bahut hi sateek prastuti
avam prerana deti rachna
shayad abhi bhi logon ko samajh me aa jaaye to ye dharti phir se hari -bhari ho jaaye------
poonam

रचना दीक्षित said...

इस आहवान आज की जरूरत है. सार्थक सन्देश देती सुंदर कविता.

Kunwar Kusumesh said...

काश,समय रहते लोग समझ पाते.

Satish Saxena said...

सही अपील है ...

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

sabhi ko vraksh lagaane chahiey

मेरा मन पंछी सा said...

सुन्दर, प्रेरक रचना...
:-)