सब कहते है मै मस्त मोला हू ,
पर आज वक़्त दे गया मुझे ......सोच .....
जो मेरी सोच को समझ गया ........
उसने कहा ..कुछ मत सोचो ...
जो ना समझ सका मुझे ,
कहने लगा ...
अब भी वक़्त है ...कुछ तो सोचो ,
नहीं तो वक़्त हाथ से निकल जायेगा ...
कभी तो इस सोच की ..झलक ,
इस चहरे पे ..छलक..कर
सब को सब कुछ बता जाती है .......
मरी जिंदगी का आईना ..
है ये सोच ...
रिश्तो को जीने ..
की आस है ..
ये सोच .......
मेरी खामोशियों की ..
जुबा भी है ....सोच ..
आज मै जो भी कहे पा रही हू ........
वोह भी है मेरी सोच ..............
.......(कृति........अनु......)
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