Monday, December 22, 2008
रात की तन्हायियो मे..............
रात की तन्हायियो मे आके ..
कुछ कह के चले जाना ..
पर आना जरुर .....
कानो मे अपने प्यार का गीत सुना के ....
चले जाना ...
पर आना जरुर ....
दिल की धड़कन को सुन कर
चले आना पास मेरे ,चुपके से
.पर आना जरुर
यादो मे मेरी बस जाना
आ के
सपना बन के ,
आँखों मे छिप जाना
दिल मे समां जाना
एक मीठी याद बनके ...
पर आना जरुर ....
पतझड़ जो आये जीवन मे मेरे ..
तो तुम ......
.बसंत मे बहार बन के आना
आ के मेरी बगिया को महकाना
पर आना जरुर ......
बारिश के बाद मेरे
आँगन मे तुम इन्द्र धनुष बन कर आना
पर आना जरुर ..........
रात की तन्हायियो मे आके ..
कुछ कह के चले जाना ..
पर आना जरुर .......साथी मेरे ...
(....कृति....अनु .......)
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1 comment:
bahut khub
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