Thursday, December 25, 2008

आयो थामे हाथ........


आयो थामे हाथ ,लिए एक दूसरे का साथ
कहे दिल कि बात ,और समझे जज्बात..
दिल मे जो राज़ ,खोलो उसे मेरे साथ
रखो दिल पे हाथ ,चले चलो मेरे साथ ..
अच्छा लगता है जब दिलदार मिलता है ,
तो खुद पे एह्तबार बढता है ...
इन सपनो कि दुनिया मे ,
जहा ना हो कोई तेरा ,न हो कोई मेरा साथ
चल हम भी जी ले ,अपने सपनो को ...
बन कर नदी के दो किनारे
साथ बहे पर , ना कभी मिलने के लिए ........
दे कर हर ख़ुशी तुम्हे ,खुश हो लूगी मै
दे कर उजाला तुम्हे ,अंधेरो मे जी लूगी ...
राहो सदा खुश तुम ...तुम्हारी ख़ुशी संग मै भी जी लूगी ..
रख के मुझे पे विश्वास ,चल तू मेरे साथ ,थाम मेरा हाथ .....
आयो थामे हाथ ,लिए एक दूसरे का साथ
कहे दिल कि बात ,और समझे जज्बात........
(........कृति....अनु........)

1 comment:

pawan arora said...

sach do dilo ki vaytha kahani mai aapne ruh daal di ek ek shabd piro jo mala taiyar ki use sai kai charno mai rakhna chahiye...aur khud ko rokana bahut badi baat hai is rachna mai ya yun kahun yah rachna nahi ek dil ki baat hai