Saturday, December 27, 2008
वैसी ही हर कोई मुझे याद करे.......................
जैसी हू ......
वैसे ही हर कोई मुझे याद करे
यह इच्छा लिए.....
दुनिया की भीड का हिस्सा बनी
अपने मन को.......
मार के जीने की कला कों सीखा
सच का दामन .......
थामे हर राह पर बढती चली
पथ की........
रुकावटो को पीछे मैंने ध्क्लेला है
खुद पे हस के..........
सबको हँसाने की चेष्टा है
दोस्तों की..........
मुस्कुराटो .... मे खुद को तलाशने मै चली
किसी के ना चाहने ..........
पर भी सबको अपना साथ देने की तमना है
अपने सुखो ....
मे भी दोस्तों के गमो को बाँटने की इच्छा है
जैसी हू......
वैसी ही हर कोई मुझे याद करे................
(.......कृति......अनु.........)
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2 comments:
mam bahut badiya aap ki jodi bahut achhi hai aap ki bhvanaao ki trah bahut sarl shbdo mai vaykt kiya aapne apni soch ko
pankaj: kya kahu mai....mere paas to sabd hi nahi hai......bas yahi kahunga ki aap dono ki jodi aur yeh pyaar u hi bana rahe hamesha 2
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