राह में अकेले
जो तुम चले...
फिर तुम से ..हम मिले
साथ मिल कर ...थाम के हाथ मेरा ..
नयी राहो पे हम साथ चले ....
नजरो के रास्ते ..तुम हो दिल मे बसे
वफ़ा की मूरत ...जफा की सूरत..
लिए अनजान रहो पे साथ बढे ........
दुनिया की इस भीड़ मे..
मै भी अकली सी थी
खुद को तलाशती सी थी ....
पर नहीं मिला कोई भी..
पर जब से हम से ,तुम मिले हो
हर राह साथ चले हो ..दे कर अपना साथ ,
लेकर मुझे साथ ,
कोई धोखा नहीं,कोई नहीं किया फरेब
दिया अपना सच्चा साथ ,
हर राह को किया तुमने आसान ,
इस जिंदगी को बना दिया जीने के काबिल ,
तुम से मुझे हर ख़ुशी मिली ,मिला जीने को
पूरा ये आसमा ...
जहा मे भी उडी ..अपने अरमानो के पंख लगा ,
इतिह्सा का तो पता नहीं .......
हक्कीकत की ज़मी पे हो मेरे साथ....
तुम से ..हम मिले........तुम से हम मिले ........
(....कृति.....अनु.....)
23 comments:
हिन्दी के चिठ्ठा विश्व में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी समस्त शुभकामनायें स्वीकार करें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें ताकि टिप्पणी करने में कोई बाधा न हो… धन्यवाद
दर्द मीठी हो तो रूक रूक के कसक होती है।
याद गहरी हो तो थम थम के करार आता है।।
आपका और आपके परिवार नववर्ष मंगलमय हो।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
स्वागत है आपका इसी तरह लिखते रहें। नव वर्ष की शुभकामनाएं
वफ़ा की मूरत ... जफा की सूरत ....
क्या बात है !
Saralta hai aapki bhavnaon mein. Swagat.
bahut hi acchi kavita hai aapki...
happy new year....
Tum se ham mile ... Ham se tum mile.
bas ese hi chalte rahe, ham aur tum milte rahe...
Koi dhokha nahi, sirf saccha saath honga ..
bas ese hi chalte rahe, ham aur tum milte rahe...
Excelent Anu ji..
नववर्ष की शुभ कामनाओं के साथ चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है .
धन्यवाद ..............
आसमाँ ने सितारों जड़ी ओढ़ के चादर
ज़मीं का हाथ पकड़कर कहा !चलो मेरी जान
अपनी औलाद जिसे दुनिया कहती हैं इंसान
उसकी खुशियों के वास्ते आओ एक दुआ मांगे .
सारे संसार की हर एक ख़ुशी उन्हें देना मेरे मौला
उनके सपनो को ताबीर हासिल हो किसी भी हाल
उनकी दौलत,शोहरत और इज्ज़त मे हो खूब इजाफा
उनकी हर ख्वाहिश को साकार बनाये नया साल .
"दीपक" देहरी पर तेरी जलाते हैं हम ऐ जगतारक
औलादें सब कुदरत की सबको नया साल मुबारक .
कवि दीपक शर्मा
सर्वाधिकार सुरक्षित @कवि दीपक शर्मा
http://www.kavideepaksharma.co.in
http://www.shayardeepaksharma.blogspot.com
Tum se mile hum hum se mile tum ek rista ban gaya jeewan jeene ka rasta mil gaya
kya chaha kya nahi jindgi se kabhi kuchh paya nahi,kuch mila bhi na samajh tha samajh nahi paya,par ab jarurat hai ek ahesash ki jo har pal mere sath rahe ,jo har pal mujhe yaad rahe.jo har raho me mere sath rahe.jo har muskilo me thame mera hath rahe,mujhe talash hai bas mujhe talash hai ,ab mangu bhi to ksise mangu.koi mujhe najar aata nahi,bas tum ho tum ho tum hi to ho.....................
kyu pyar ko chor chale jate ho, kyu dil ko tum meretadhpate ho
mat jao kahi mat jao kyu ki meri dhadhkan ab tumhi dadhkate ho
dil ki dil jaane kimati kitne hai yah har shabd jaane raah jiwan ki aasan karta dost hi dost ki kadar jaane ..sachi bhavaao se piroi ek aur mala aapne sach bahut badiya......
नववर्ष् की शुभकामनाएं
कलम से जोड्कर भाव अपने
ये कौनसा समंदर बनाया है
बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
सुंदर रचना संसार बनाया है
भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
its very nice blog keep it up .
Hakiqat ki jami par sath he jo bow zindagi bhar sath nibhayga, wat ke sath itihash me bhi likha jayga.Hakiqat ki jami par sath he jo bow zindagi bhar sath nibhayga, wat ke sath itihash me bhi likha jayga.
कल 04/11/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
bahut hi sundar dil ko chu lene wali rachna
वाह ...बहुत बढि़या प्रस्तुति ।
bahut hi sundar prastuti.
बेहतरीन .......
मै भी अकली सी थी
खुद को तलाशती सी थी ....
पर नहीं मिला कोई भी..
पर जब से हम से ,तुम मिले हो
हर राह साथ चले हो ..दे कर अपना साथ ,
लेकर मुझे साथ ,
कोई धोखा नहीं,कोई नहीं किया फरेब
दिया अपना सच्चा साथ ,bahut achchhi shuruvaat ..achchhi kavita
Post a Comment